लॉकडाउन में भूख से पीड़ित नेत्रहीन बुजुर्ग दंपति की खबर दिखाने पर UP में डीएम ने दर्ज कराया पत्रकार के खिलाफ मुकदमा

Update: 2020-05-18 12:12 GMT

फतेहपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष अजय सिंह भदौरिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सच्ची आवाज को दबाने के लिये जिलाधिकारी ने द्वेष पूर्ण भावना से गैंग बनाकर वसूली करने का झूठा मुकदमा मुझपर लिखाया है...

कानपुर से मनीष दुबे की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद में जिले की समस्याओं को उजागर करना एक वरिष्ठ पत्रकार को उस वक्त भारी पड़ गया जब जनपद के जिलाधिकारी के इशारे पर उनके खिलाफ कई मुकदमे लाद दिए गए। उत्पीड़न के विरोध में अब पत्रकार ने जिलाधिकारी का तबादला करने के साथ ही वित्तीय अनियमित्ताओं की जांच की मांग कर रहे हैं। प्रदेश के राज्यपाल को भेजे गये ज्ञापन में पत्रकारों का कहना है कि जनपद फतेहपुर के सभी पत्रकार 30 मई को काला दिवस मनाएंगे।

त्रकारों का उत्पीड़न रुक नहीं रहा है। उन्नाव, वाराणसी के बाद कल सहारनपुर में पुलिस की मौजूदगी में एबीपी न्यूज के रिपोर्टर की घेरकर पिटाई कर दी गई। अब फतेहपुर से भी ऐसा ही मामला सामने आ रहा है। फतेहपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष ने कहा कि जनपद की हकीकत व सच्चाई दिखाती खबरों को ट्वीट करने को लेकर जिलाधिकारी संजीव सिंह ने उनपर फर्जी मुकदमा लिख दिया है। इससे जनपद के पत्रकारों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि अब हमारी पहली लडाई कोविड-19 है जिससे पूरा देश लड़ रहा तथा दूसरी लड़ाई पत्रकार उत्पीड़न की है।

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रअसल जनपद फतेहपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष अजय सिंह भदौरिया ने गांव रामपुर निवासी एक वृद्ध दंपति की दयनीय स्थिति को लेकर अपनी फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट किया था। इसके बाद उन्होंने इस वाकिये को ट्वीट भी किया। 12 मई को लिखी इस पोस्ट को अजय भदौरिया ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सीएमओ यूपी, चीफ सेकेट्री, कमिश्नर व अपने ग्रह जनपद के डीएम को टैग किया था।

https://www.facebook.com/ambrish.singh.31586526/posts/1304344589775757

जय सिंह भदौरिया ने अपने फेसबुक अकाउंट में रामपुर गांव निवासी वृद्ध दंपति की बदहाली, भूख, भीख मांगकर गुजारा करने व कभी खाली पेट ही सो जाने के संबंध में लिखा था। इसके साथ ही उन्होंने आवास योजना व पेंशन न दिए जाने का जिक्र किया था। अपनी पोस्ट में अजय सिंह ने आगे लिखा कि सरकार द्वारा शुरू की गई कम्युनिटी किचन महज हफ्ते भर के अंदर बन्द भी हो गई, जिसमें सरकार के लाखों रुपये डूब गए। इस किचन में किसी जरूरतमंद का पेट नहीं बल्कि जिम्मेदारों ने अपना पेट भरा है। इसे उनने वरिष्ठ टीवी पत्रकार अजीत अंजुम, अमिताभ अग्निहोत्री, टीवी चैनल एनडीटीवी सहित पीएमओ इंडिया को टैग करते हुए लिखा था कि 'अन्न की कमी नहीं है'।

दौरिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सच्ची आवाज को दबाने के लिये जिलाधिकारी ने द्वेष पूर्ण भावना से गैंग बनाकर वसूली करने का झूठा मुकदमा मुझपर लिखाया है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष भी विवेक मिश्रा व अनुज वर्मा पर एक मामले में एफआईआर संख्या 0315/2019 का मुकदमा दर्ज कराया गया था जो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जब जिले का मुखिया ही ऐसी दमनकारी सोंच का होगा तो पुलिस क्या रूल को मानेगी। माननीय मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री ने पत्रकारों को भी कोरोना योद्धा माना है तथा उनका सभी प्रकार से सहयोग करने का फरमान है तो फिर यह सब किसके इशारे पर किया गया।

तेहपुर में शनिवार को सोशल डिस्टैंस और लाकडाउन का पालन करते हुए जिलाधिकारी का स्थानांतरण किये जाने, वित्तीय अनियमितताओं की जांच की मांग करते हुये पत्रकारों के खिलाफ फर्जी दर्ज कराये गये मुकदमों को वापस लिये जाने का ज्ञापन राजपाल को भेजा। साथ ही अजय सिंह ने कहा उनकी मांगे पूरी नहीं की गयी तो फतेहपुर जनपद के सभी पत्रकार 30 मई को काली पटटी बांधकर काला दिवस मनायेंगे।

त्रकार अजय भदौरिया के खिलाफ दर्ज की गई मुकदमे की जो कॉपी 'जनज्वार' को मिली उसमे उनके द्वारा कम्युनिटी किचन के बन्द होने संबंधी झूठी खबर को प्रसारित करने का आरोप लगाया गया है। आरोप यह भी है कि उनकी फैलाई गई खबर से जनपद में क्वारन्टीन लोगों में खाना लेने को धक्का-मुक्की हुई तथा खाना खत्म होने से अफरा तफरी का माहौल हो गया। एफआईआर में आरोप है कि अजय भदौरिया ने सरकारी कर्मचारियों से अवैध वसूली को लेकर एक संगठित गिरोह भी बना रखा है, जिसके लिए उनपर 13 मई को कोतवाली फतेहपुर में मुकदमा संख्या 0293 के तहत धारा 188, 269, 270, 120-B, 385, 505(2) व महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3 का मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा पत्रकार का पता अज्ञात है।

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हीं इस संबंध में पत्रकार अजय कुमार भदौरिया ने कहा कि 'मैंने ट्वीट किया था विजयीपुर ब्लाक के रामपुर गांव का और मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है सदर तहसील की सामुदायिक रसोई के साथ अवैध वसूली गैंग/रैकेट चलाने का। मेरे 32 वर्ष पत्रकारिकता जगत में बीत गए हैं। अभी तक कभी एक नोटिस या शिकायत भी मेरे विषय में किसी भी थाना या प्रशासन के पास गई। अचानक मेरी छवि को धूल-धूसरित करने का षड़यंत्र रच यह काम किया है। इससे पहले भदौरिया ने इस मुद्दे को लेकर अपने फेसबुक पोस्ट में वीडियो भी जारी किया।

https://www.facebook.com/ambrish.singh.31586526/videos/1306862592857290/

हीं मामले की जानकारी लेने के लिए जब जनज्वार संवाददाता ने जिलाधिकारी फतेहपुर संजीव सिंह को फोन लगाया तो उनके अर्दली ने फ़ोन उठाया। अर्दली ने जवाब दिया कि साहब अभी माइक में बोल रहे हैं, आप आधा घण्टे बाद बात कर लें। हमने आधा घण्टे बाद फिर फ़ोन किया, एक नहीं 5-5 बार फ़ोन करने के बावजूद भी फ़ोन काटा जाता रहा।

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