प्रवासी मजदूर जहां हैं, वहीं रजिस्ट्रेशन करवाकर ले सकते हैं काम- निर्मला सीतारमण

Update: 2020-05-14 16:01 GMT

जनज्वार ब्यूरो। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने को लेकर जारी तीसरे लॉकडाउन के बीच केंद्रीय वित्त निर्मला सीतारमण ने आज दूसरे दिन भी प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान सीतारमण ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि लॉकडाउन 1.0 की घोषणा के कुछ ही घंटों के भीतर, हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा की थी, जो गरीबों को पैसा और भोजन प्रदान करने के लिए थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने क्या कहा, नीचे पढ़ें कुछ महत्वपूर्ण बिंदु-

* फसल ऋण पर प्रोत्साहन मार्च तक प्रदान किया गया और हम इसे 31 मई, 2020 तक बढ़ा रहे हैं। 25,000 नए किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को 25,000 करोड़ रुपये की ऋण सीमा दी गई है।

* 3 करोड़ सीमांत किसानों को पहले ही प्रदान किए गए 4 लाख करोड़ क्रेडिट से लाभान्वित किया गया है।

* 2014 में मोदी जी ने अपने सबसे पहले भाषण में कहा था कि ये उनकी सरकार है जो गरीबों के लिए सोचे, गरीबों की सुने, गरीबों के लिए जिए इसलिए नई सरकार देश के गरीबों युवाओं और महिलाओं को समर्पित है।

* कृषि के क्षेत्र में पिछले मार्च और अप्रैल के महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किये गए, जिसकी राशि लगभग 86,600 करोड़ रूपये हैं और इससे कृषि क्षेत्र को बहुत बल मिला है।

* देश भर में एक विशेष मुहिम चलाई जा रही है कि जो प्रवासी मजदूर जहां हैं अगर वो चाहें तो वहां पर भी अपने आप को रजिस्टर कराकर वहां काम ले सकते हैं।

* 'मजदूरों का कल्याण हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर है। न्यूनतम मजदूरी वर्तमान में केवल 30% श्रमिकों पर लागू होती है। हम इसे सार्वभौमिक बनाना चाहते हैं।''

* अगले दो महीनों के लिए सभी प्रवासियों को मुफ्त अनाज की आपूर्ति की जाएगी। जो लोग गैर-कार्ड धारक हैं, उन्हें प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम गेहूं / चावल और 1 किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा।''

  • वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- 'प्रवासी मजदूरों की मदद मनरेगा के माध्यम से कैसे की जाए उसके लिए हम योजना लेकर आए हैं। 13 मई तक 14.62 करोड़ दिन जनरेट किए जा चुके हैं। इस पर लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुके हैं।''

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