कोरोना वायरस की भयावहता के बीच लोकसभा में बिना चर्चा के पास हुआ वित्तीय विधेयक
लोकसभा में कांग्रेस नेता अंधीर रंजन चौधरी ने कोरोनावायरस को लेकर स्पेशल पैकेज की मांग की थी । उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में आज लोग डरे हुए हैं। आप सारे बिल पास करवा लीजिए लेकिन इसके पहले कोरोना को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट करिेए...
जनज्वार। लोकसभा में सोमवार को बिना चर्चा के वित्तीय विधेयक पास हो गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में विधेयक पेश किया। बिना चर्चा के वॉयस वोट की मदद से इसे पारित कर दिया गया। बता दे विधेयक पास होने के बाद सदन को अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दिया गया है।
इसके पहले लोकसभा में कांग्रेस नेता अंधीर रंजन चौधरी ने कोरोनावायरस को लेकर स्पेशल पैकेज की मांग की थी । उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में आज लोग डरे हुए हैं। आप सारे बिल पास करवा लीजिए लेकिन इसके पहले कोरोना को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट करिेए। एक स्पेशल पैकेज का ऐलान करिए। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें तय हुए कि सोमवार को कार्यवाही के बाद दोनों सदनों को अनिश्चितकाल तक स्थगित कर दिया जाएगा।
इसके बाद कोरोना के कर्मवीरों हौसला बढ़ाने के लिए संसद में आज सांसदों ने ताली बजाई। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि रविवार की शाम योध्दाओं के लिए जिस रह पूरा भारत एकजुट हुआ वो भारत की आत्मा थी। डॉक्टरों, सफाईकर्मियों, पुलिस, मीडिया ने जिस तरह से सेवाए की उन सबका हम अभिवादन करते हैं। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने ताली बजाकर उन लोगों को हौसला बढ़ाया। स्पीकर ने कहा कि कई राज्यों के सीएम ने ताली बजाई। इस मौके पर विपक्ष भी एक साथ दिखा।
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बजट सत्र के दौरान सदन में हुए कामों का जिक्र करते हुए स्पीकर ने बताया कि केंद्रीय बजट 2020-21 पर चर्चा 11 घंटे 51 मिनट तक चली। वहीं रेल मंत्रालय के वर्ष 2020-21 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा 12 घंटे 31 मिनट, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के वर्ष 2020-21 के लिए अनुदारन की मांगों पर चर्चा 5 घंटे 1 मिनट तक व पर्यटन मंत्रालय के अनुदारनों की मांगों पर चर्चा 4 घंटे और 1 मिनट तक चली।
बिरला ने कहा कि वर्ष 2020-21 के लिे केंद्रीय बजट के संबंध में बाकी मंत्रालयों की अन्य सभी बकाया अनुदानों की मांगों को सभा में मतदान के लिए रखा गया और 16 मार्च 2020 को पूरी तरह से स्वीकृत किया गया और संबंधित विनियोग विधेयक पारित किया गया।
बता दे बजट सत्र के दौरान कुल मिलाकर 13 विधेयक पारित किए गए है। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि बजट सत्र में 98 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। प्रश्रकाल के बाद सदस्यों ने शाम को देर तक बैठकर लगभग 436 अविलंबनीय लोक महत्व के मामले शून्यकाल में उठाए। सदस्यो ने निय म 377 के तहत कुल 399 मामले भी उठाए।
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सदन में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सरकारी कामकाज के संबंध में दो बयान दिए, वहीं कोरोना वायरसे के कारण बनी स्थिति पर स्वास्थय मंत्री हर्षवर्धन और विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर कुल 16 बयान दिए। इस सत्र के दौरान संबंधित मंत्रियों ने कुल 1765 पत्र सभा पटल पर रखे।
इसी सत्र के दौरान दिल्ली दंगों पर साढ़े 4 घंटे तक चर्चा की गई। इस दौरान अध्यक्ष बिरला ने कहा कि सदन में दिल्ली के कुछ हिस्सों में कानून और व्यवस्था की स्थिति के संबंध में नियम 193 के अंतर्गत एक अल्पकालिक चर्चा भी की गई। 4 घंटे और 37 मिनट तक चली इस चर्चा पर गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। इस सत्र में तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सभा 21 घंटे और 48 मिनट देर तक बैठी।
जहां तक गैर-सरकारी सदस्यों के संकल्पों का संबंध है। बीजेपी सासंद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने 21 जून 2019 को प्रस्तुत बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संकट और छुट्टा गोवंश की समस्या को दूर करने के लिए केन-बेतवा नदीं संपर्क परियोजना द्वारा नहरों का निर्माण संबंधी संकल्प को सभा की अनुमति से 20 मार्च को वापस ले लिया। बीएसपी के रितेश पाण्डेय ने 20 मार्च को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आगनबाड़ी सहायिकाओं के लिए कल्याणकारी उपाय के संबंध में एक संकल्प पेश किया जिस पर ुस दिन चर्चा पूरी नहीं हुई।