वरिष्ठ भाजपाई यशवंत सिंहा ने छोड़ी पार्टी, कहा सभी एजेंसियां चल रही हैं मोदी के इशारे पर

Update: 2018-04-21 14:58 GMT

मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज करते रहे हैं मुखर, कहा मोदी राज में लोकतंत्र और न्यायपालिका दोनों हैं खतरे में...

पटना, जनज्वार। मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से भाजपा से नाराज चल रहे पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने बीजेपी छोड़ दी है।

पटना में बीजेपी छोड़ने की घोषणा करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा, 'मैं बीजेपी के साथ अपने सभी संबंधों को समाप्त कर रहा हूं। आज से मैं किसी भी तरह की पार्टी पॉलिटिक्स से भी संन्यास ले रहा हूं।'

पार्टी छोड़ने का ऐलान करते हुए सिन्हा ने कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है। मैं राजनीति से संन्यास ले रहा हूं, लेकिन आज भी दिल देश के लिए धड़कता है, इसीलिए दलगत राजनीति छोड़ रहा हूं। अभी इस तरह के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं कि वे किसी अन्य पार्टी में जाएंगे, मगर उन्होंने यह इशारा जरूर किया कि अगर जरूरत पड़ी तो देशहित में कुछ भी कर सकता हूं।

यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा अभी मोदी सरकार में मंत्री हैं, देखना होगा कि मोदी इसके बाद क्या कार्रवाई करते हैं।

गौरतलब है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए यशवंत वरिष्ठ भाजपाई नेता रहे सिन्हा ने कहा कि चुनाव आयोग को दबाया जा रहा है। मोदी राज में सभी एजेंसिया सरकार के इशारे पर चल रही हैं। बजट सत्र में गतिरोध केंद्र की साजिश से हो रहा है।

कैश की किल्लत के लिए RBI और अरुण जेटली को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पीएम मोदी ने इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं की बात क्यों नहीं सुनी। गुजरात चुनाव के लिए शीत सत्र को छोटा कर दिया गया।

सिन्हा ने कहा, मैं लंबे समय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश कर रहा हूं, इसके लिए मैंने कई पत्र भी भेजे, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

हालांकि सिन्हा के भाजपा छोड़ने के आसार काफी समय पहले से ही बनने शुरू हो गए थे। इसी साल 30 जनवरी में उन्होंने राष्ट्र मंच के नाम से एक नए संगठन की स्थापना की थी। सिन्हा ने इसके बारे में कहा था कि यह संगठन गैर-राजनीतिक होगा और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करेगा। आज सिन्हा ने भाजपा छोड़ने का फैसला कई विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मीटिंग के बाद लिया है।

मोदी सरकार की नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के खिलाफ भी सिन्हा ने मोर्चा लिया था और सरकार के इस फैसले को आम जनता के लिए नुकसानदायक बताया था।

सिन्हा 1998 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे, उसके बाद वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार में भी वह वित्त मंत्री रह चुके हैं।

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