कब्र से निकालकर मुस्लिम औरतों का बलात्कार की बात कहने वाले हिन्दू युवा वाहिनी अध्यक्ष सुनील सिंह सपा में शामिल

Update: 2020-01-18 18:41 GMT

सुनील सिंह वही हैं जिनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुस्लिमों के खिलाफ जहर उगलते हुए कह रहे हैं कि कब्र से निकालकर भी मुस्लिम औरतों का बलात्कार किया जाना चाहिए...

जनज्वार। अखिलेश यादव को जनता खासकर युवा हिंदुत्व की राजनीति से अलग करके देखते हैं, मानते हैं कि वे कट्टरता के विरोधी हैं, मगर आज 18 जनवरी को जिस तरह से उनकी पार्टी में हिंदू युवा वाहिनी से जुड़ा एक चेहरा तो घोर मुस्लिम विरोधी रहा है, शामिल हुआ है, उससे सोशल मीडिया पर उनका विरोध होना शुरू हो गया है।

सुनील सिंह वही हैं जिनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुस्लिमों के खिलाफ जहर उगलते हुए कहते सुनाई दे रहे हैं कि कब्र से निकालकर भी मुस्लिम औरतों का बलात्कार किया जाना चाहिए।

हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व अध्यक्ष सुनील सिह ने पार्टी कार्यालय लखनऊ में अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में सपा की सदस्यता ग्रहण की। इतना ही नहीं सुनील सिंह ने इस दौरान अपनी पार्टी हिंदू युवा वाहिनी (भारत) की समाजवादी पार्टी में विलय करने की घोषणा भी इसी दौरान की। मगर सवाल है कि समाजवादी यानी समाज के सभी वर्गों की बात करने वाली सपा ने आखिर एक ऐसे इंसान को पार्टी में कैसे शामिल कर लिया जो घोर मुस्लिम विरोधी रहा है।

फेसबुक पर अखिलेश द्वारा घोर हिंदुत्व के पैरोकार रहे सुनील सिंह को सपा में शामिल करने पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (BBAU) के रिसर्च स्कॉलर अनुराग अनंत लिखते हैं, अखिलेश उम्मीद के हत्यारे हैं, उन्होंने एक बार फिर लोहिया को दगा दिया। फिर एक बार संविधान की प्रस्तावना को लज्जित किया है। फिर एक बार सेक्युलर राजनीति के चेहरे को दागदार किया है। आज सपा में हिन्दू युवा वाहिनी के अध्यक्ष सुनील सिंह को समाजवादी पार्टी में जगह दे कर उन्होंने ये सिद्ध कर दिया है कि वो अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को भेड़ बकरी से ज़्यादा कुछ नहीं समझते। ये वही सुनील सिंह है जो कहता था कि मुस्लिम बहनों को कब्र से निकाल कर बलात्कार किया जाना चाहिए। मुस्लिम औरतों को घर से उठा लिया जाना चाहिए। एक के बदले 10 मुसलमान मारे जाने चाहिए। यही था जो नारे लगाता था, जब मुल्ले काटे जाएँगे राम राम चिलायेंगेगे।

नुराग आगे लिखते हैं, सुनील सिंह पहले हिंदुत्व बेच रहा था, नफ़रत और ज़हालत उगल रहा था अब समाजवाद की मीठी गोली बांटेगा। शर्म आनी चाहिए अखिलेश यादव को, जिन्होंने इस साम्प्रदायिक और ज़हरीले आदमी को समाजवादी कार्यकताओं के सिर पर बैठा दिया। अखिलेश एक मतिभ्रष्ट और मतिभ्रम के शिकार नेता हैं, ये समय समय पर सिद्ध करते रहे हैं। आज उन्होंने इस आदमी को समाजवादी पार्टी में लेकर खुद को सेकुलर राजनीति पर दाग सिद्ध कर दिया। सनद रहे अखिलेश को समय उम्मीद के हत्यारे के रूप में दर्ज़ करेगा। सत्ता हो सकता है मिल जाए, पर इतिहास में जगह नहीं मिलेगी। ये देख रहा हूँ और भीतर अवाज़ उठती है, लोहिया की पीठ पर एक खंज़र और पड़ा।

सुनील सिंह 2002 में हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष बने थे। लंबे समय तक योगी के करीबियों में शामिल रहे सुनील ने 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी से बगावत कर दी थी। योगी के मना करने के बावजूद सुनील सिंह ने बीजेपी के खिलाफ अपने प्रत्याशियों की घोषणा की थी। हिंदू युवा वाहिनी से निकाले जाने के बाद सुनील सिंह ने साल 2018 में हिंदू युवा वाहिनी (भारत) नाम से अपना अलग संगठन बनाया था।

ट्वीटर पर अनिल यादव ने ट्वीट किया है, 'एक हैं सुनील सिंह। हिन्दू युवा वाहिनी के अध्यक्ष थे। मुस्लिम लड़कियों को कब्र से निकाल कर बालात्कार करने की बात करते थे।एक के बदले 10 लड़कियों को उठाने की बात करते थे। कटुए काटे जाएंगे-राम राम चिल्लायेंगे का नारा लगाते थे। आज समाजवादी हो गए। @yadavakhilesh को दंगाई भा गया।'

सुनील सिंह का एक आपराधिक रिकॉर्ड भी रहा है। कब्र से निकालकर मुस्लिम औरतों का बलात्कार करने की बात करने वाले सुनील सिंह को गोरखपुर में थाने में तोड़-फोड़ समेत अन्य मामलों में 2018 में जेल भेजा गया था और बाद में एनएसए भी लगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर से पर्चा भरा था, मगर उसे खारिज कर दिया गया।

तने सालों तक हिंदुत्व के नाम पर जहर उगलने वाली हिंदू युवा वाहिनी के अध्यक्ष रहे सुनील सिंह अब कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन साल में विकास के नाम पर केवल शिगूफा दिया है। अखिलेश यादव में युवा उम्मीद देख रहे हैं, इसलिए उन्होंने एसपी में शामिल होने का फैसला किया है।

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