एससी/एसटी एक्ट में हुए बदलाव के खिलाफ भारत बंद में 1 नवजात शिशु समेत 4 लोगों की मौत

Update: 2018-04-02 14:55 GMT

ग्वालियर, भिंड और मुरैना में हुई हिंसा में 30 लोग गंभीर रूप से घायल, लोगों में भय का माहौल व्याप्त, इन जिलों में बंद के दौरान जमकर पथराव और तोड़फोड़, ट्रेनों को रोका और नेशनल हाइवे तक जाम किए, अब तक एक नवजात समेत 5 की मौत...

भोपाल, जनज्वार। आज भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश में हुई हिंसक घटनाओं में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है 20 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दो की हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है।

देश के 9 राज्यों में इसका व्यापक असर है। मध्य प्रदेश में हिंसा के चलते जहां 4 लोगों की मौत हो गई है वहीं बिहार के वैशाली में प्रदर्शनकारियों ने एक एंबुलेंस को रोक दिया, जिसके चलते एक नवजात शिशु की जान चली गई। राजस्थान-एमपी में भीम सेना और बजरंग दल में हुई झड़प में 30 लोग जख्मी हो गए हैं, तो पंजाब में बंद के चलते सीबीएसई की परीक्षाएं तक टालनी पड़ीं। देश के बिगड़ते मिजाज को देखते हुए केंद्र सरकार आज इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दायर करेगी।

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गौरतलब है कि एससी/एसटी एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारत बंद का ऐलान किया गया था। इसी दौरान हुई हिंसक वारदातों में जहां ग्वालियर में थाटीपुर इलाके में दो युवकों की मौत हो गई। हिंसक वारदातों को देखते हुई प्रशासन ने चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं मुरैना में हिंसक झड़प में एक युवक की मौत हो गई, तो पुलिस और एससी-एसटी समुदाय के लोगों के बीच हुई फायरिंग के दौरान एक और युवा मर गया।

सुप्रीम ने एससी-एसटी एक्ट में बदलाव पर अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि, दलितों के आरोपों पर किसी की तुरंत गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। उससे पहले आरोपों की जांच जरूरी है, जांच करने के बाद ही एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज होगा। जांच भी DSP स्तर के अधिकारी करेंगे और दलितों की शिकायत पर इतनी लंबी प्रकिया के बाद गिरफ्तार अभियुक्तों की गिरफ्तारी से पहले जमानत संभव होगी। यानी इसके तहत आरोपियों को अग्रिम जमानत भी मिल सकेगी। अगर कोई सरकारी अधिकारी एससी/एसटी एक्ट के तहत दोषी पाया जाता है तो उसकी गिरफ्तारी उच्च अधिकारियों की इजाजत के बाद ही संभव होगी।

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एससी/एसटी एक्ट में हुए इसी बदलाव का दलित विरोध कर रहे हैं, और इसी के तहत भारत बंद आयोजित किया गया था।

भारत बंद के दौरान ग्वालियर, भिंड और मुरैना में हुई हिंसा में जहां 19 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, वहीं लोगों में भय का माहौल व्याप्त है। इन जिलों में बंद के दौरान जमकर पथराव और तोड़फोड़ की गई। ट्रेनों को रोका गया और नेशनल हाइवे तक जाम कर दिए गए।

भिंड में नेशनल हाइवे जाम कर गाड़ियों के शीशे तोड़े गए, मुरैना में रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखकर ट्रेनों को रोक दिया गया है। पुलिस को हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और यहां तक की हवाई फायरिंग करनी पड़ी है। हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने ग्वालियर और भिंड में इंटरनेट सेवाएं तक बंद कर दी हैं।

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हिंसक घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक बुलाई, जिसमें मुख्य सचिव और डीजीपी शामिल रहे। वहीं शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि "भारत सरकार द्वारा आज सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फ़ाइल कर दी गयी है। जनता से अनुरोध है कि वो कृपया शान्ति बनाए रखें। हमारी सरकार अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।"

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बंद के दौरान दलित संगठनों ने भोपाल स्थित बोर्ड ऑफिस चौराहे पर जाम लगाया। बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति के आसपास हजारों की संख्या में भीम सेना और दलित संगठनों के लोग एकत्र हो गए और नारेबाजी की। उग्र भीड़ ने एमपीनगर में खुली दुकानों को जबरन बंद कराया। पुराने शहर में भी दलित संगठनों ने तमाम रैलियां निकाली हैं।

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बंद के दौरान भिंड में भीम सेना और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं में झड़प हुई, जिसमें दोनों संगठनों के समर्थकों ने एक दूसरे पर पथराव किया। यहां किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की, जिसमें 19 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

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एससी/एसटी एक्ट में बदलाव पर भारत बंद आयोजित कर रहे आंदोलन को समर्थन देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS/BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं। हम उनको सलाम करते हैं।

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