जीडी गोयनका स्कूल में रेयान जैसा केस, सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की याचिका
बच्चे के सिर पर गहरी चोट, अस्पताल ले जाने तक हो चुकी थी मौत, पिता कहते हैं आजतक स्कूल नहीं बता पाया मौत का कारण
जनज्वार, दिल्ली। बच्चों की सुरक्षा मुस्तैद रहे इस लालच में मां—बाप तमाम मुश्किलों को झेलते हुए महंगे स्कूलों में प्रवेश दिलाते हैं, लेकिन वहां बच्चों की मौतों के मामले में नृशंसता दिल दहला देने वाली है।
अभी लोगों की आंखों के सामने से गुड़गांव के रेयान स्कूल में हुई प्रद्ययुमन का चेहरा हटा भी नहीं है कि 45 दिन पहले हुई एक बच्चे की मौत का वैसा ही मामला सामने आया है, जिसमें स्कूल प्रबंधन चालाकियां कर रहा है और अभिभावक को धमकाकर चुप कराने की फिराक में जुटा है।
गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके के जीडी गोयनका स्कूल में हुई 9 वर्षीय बच्चे अरमान सहगल की स्कूल कैंपस में ही 1 अगस्त को हुई मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बच्चे के पिता गुलशन सहगल की याचिका 18 सितंबर को सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है। सहगल ने अपनी याचिका में बेटे की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र समेत तीन सदस्यी बेंच ने की।
अरमान सहगल के पिता गुलशन सहगल के मुताबिक जीडी गोयनका के चेयरमैन, प्रिंसिपल और निदेशक हाईकोर्ट गए हैं कि मेरे बेटे की मौत मामले में स्कूल के इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआइआर रद्द की जाए और अदालत इनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत दे।
गुलशन सहगल का कहना है, '1 अगस्त को स्कूल से फोन आया कि आपका बेटा कॉरिडोर में गिर गया है और स्कूल कर्मचारी उसे अस्पताल ले गए हैं। लेकिन जैसे ही मैं अस्पताल पहुंचा बच्चे की मौत हो चुकी थी।'
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में गुलशन सहगल ने अदालत को बताया है कि 1 अगस्त की घटना के 45—46 दिन बीतने के बाद आजतक यह नहीं पता चल पाया कि मेरे बेटे की मौत कैसे हुई। इसलिए मेरी एक ही मांग है कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए जिससे पता तो चले कि मेरे बेटे की मौत के अपराधी कौन हैं।