दिल्ली-एनसीआर में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित, कंस्ट्रक्शन पूरी तरह से बंद

Update: 2019-11-02 03:52 GMT

गाजियाबाद की जनता बोली, प्रदूषण से जीना हो गया है मुहाल, सबसे बुरा हाल है बुजुर्गों और बच्चों का...

जनज्वार। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद में दीवाली के बाद हवा लगातार और ज्यादा जहरीली होती जा रही है। लोगों ने कहा कि इस प्रदूषित हवा में हमारा सांस लेना तक दूभर हो गया है। जहरीली हवा के प्रकोप को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया गया है। सरकार द्वारा सख्त निर्देश जारी कर दिये गये हैं कि 5 नवंबर तक किसी भी तरह का कोई भी कंस्ट्रक्शन न किया जाये।

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27 अक्टूबर को दीपावली के बाद से ही दिल्ली-एनसीआर में लगातार धुंध छाई हुई है। धुंध इतनी ज्यादा गहरी हो गई कि दिन में भी कोहरे का आभास दे रही थी। इस दमघोटू धुंध को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर में हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी गयी है। दिल्ली सरकार ने तो 5 जनवरी तक के लिए सभी स्कूल बंद कर दिये हैं।

Full View में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु गुणवत्ता सूचकांक की एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें देश के 99 शहरों को शामिल किया गया। इसमें देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित टॉप टेन 10 शहरों में उत्तर प्रदेश के आठ शहर शामिल हैं। दिल्ली से सटा गाजियाबाद नंबर प्रदूषण में नंबर वन पर विराजमान है। यहां पीएम (पर्टिकुलर मैटर यानि वायुमंडलीय विविक्त पदार्थ) 2.5 की मात्रा सबसे ज्यादा 478 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर मिली है।

नज्वार टीम ने दीवाली के बाद लगातार बढ़ते प्रदूषण और दमघोटू धुंध को लेकर गाजियाबाद वासियों से बात की तो लोगों ने यही कहा कि इस जहरीली हवा में सांस लेना तक दूभर होता जा रहा है। गाजियाबाद की जनता ने योगी सरकार से अपील की कि वे बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर ठोस कदम उठायें। प्रदूषण के कारण सिर दर्द गाजियाबाद में आम समस्या बन रही है।

आइये देखते हैं हेल्थ इमरजेंसी के इन हालातों में क्या कहती है गाजियाबाद की जनता

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