गुजराज दंगे की सजायाफ्ता के बचाव में अमित शाह

Update: 2017-09-18 17:43 GMT

गुजरात 2002 दंगा मामलों में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहीं भाजपा नेता और पूर्व मंत्री माया कोडनानी के बचाव में अमित शाह का बयान महत्पूर्ण माना जा रहा है 

जनज्वार। गुजरात 2002 दंगों के कई मामलों में सजा काट रहीं और कुछ मामलों में सुनवाई प्रक्रिया से गुजर रहीं गुजरात की भाजपा नेता माया कोडनानी के पक्ष में आज पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बयान दिया। आज अदालत में चली सुनवाई के दौरान अमित शाह ने कहा कि जिस वक्त 28 फरवरी 2002 में अहमदाबाद में दंगा हो रहा था, उस वक्त माया कोडनानी बतौर विधायक विधानसभा में मौजूद थीं। 

अमित शाह कोडनानी के बचाव पक्ष के गवाह के रूप में अदालत में पेश हुए थे। माया कोडनानी को लेकर 28 फरवरी, 2002 को हुए नरसंहार की गवाही प्रक्रिया चल रही है, जिसमें उत्तेजित भीड़ ने नरोदा गांव में 11 मुस्लिमों को मार डाला था। भीड़ को उत्तेजित कर हत्या कराने का आरोप भाजपा नेता माया कोडनानी पर है। 

गौरतलब है कि 2002 फरवरी में पूरे गुजरात में दंगा उस वक्त भड़का था, जब गोधरा की ट्रेन में आग लगाने का मामला सामने आया था। माना गया कि यह आग मुस्लिमों ने लगाई है, क्योंकि मरने 59 लोगों में सभी हिंदू कारसेवक थे, जो अयोध्या से लौट रहे थे। इसके बाद हुई हिंसा में करीब 1 हजार लोग मारे गए, जिसमें से 90 फीसदी मुस्लिमों की मौत हुई। 

शाह ने अदालत को बताया कि 28 फरवरी को वह विधानसभा से निकलकर सीधे सोला सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां पर गोधरा ट्रेन में जलाए गए पीड़ितों की लाश पड़ी थी। शाह के मुताबिक वहीं माया कोडनानी भी मौजूद थीं। दंगा स्थल नरोदा गांव में माया नहीं थी, बल्कि 28 फरवरी 2002 को वह 8.30 से 9.30 या 9.45 तक विधानसभा में थीं और उसके बाद वह मुझे अस्पताल पर मिलीं। अमित शाह ने अपनी बात की पुष्टि के लिए न्यूज एजेंसी आईएएनएस की खबर का हवाला भी दिया, जिसकी खबर में बताया गया था कि अमित शाह के संग माया कोडनानी सोला सिविल अस्पताल में थीं।

माया कोडनानी एक अन्य मामले में गुजरात के ही अहमदाबाद नरोदा पाटिया इलाके में 2002 में दंगा और हत्या मामले में आजीवन की सजा भुगत रही हैं।

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