गुंडों के खिलाफ दर्ज मामले में पूछताछ करने पर पुलिस अधिकारी ने विकलांग पत्रकार से मारपीट कर डाला जेल में, धमकाया तुम्हारा कैरियर कर देंगे खत्म

Update: 2018-04-06 16:52 GMT

जब पत्रकार पुलिस थाने में अपनी शिकायत के बाबत क्या कार्रवाई हुई है, जानने के लिए पहुंचा तब वहां पुलिस ने शराब और नॉनवेज पार्टी आयोजित की हुई थी। पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में पुलिस के अलावा वहां काफी भीड़ पार्टी के लिए जमा थी...

रामदास तांबे की रिपोर्ट

महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले के गांव में इटकल मेला लगता है। मेले में गांव के कई गुंडों ने पत्रकार विकास पांढरे जो कि साप्ताहिक विवेक में उपसंपादक है, उसके परिजनों को बिना वजह धमकाया और मारपीट की थी।

4 अप्रैल की सुबह जब विकास अपने घर पर मेले के लिए आये थे तो उनके परिवारों ने उन्हें आपबीती बताई। इटकल मेला के संदल जुलूस में शराब पीकर नाचने वाले सद्दाम मुजावर और उसके साथियों ने विकास पांढरे के परिवार के साथ न सिर्फ धक्कामुक्की की, बल्कि मारपीट करने के बाद धमकाया भी। इन गुंडों के खिला नलदुर्ग पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई थी।

इस शिकायत को लेकर आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, उनकी गिरफ्तारी की गई या नहीं, इसकी पूछताछ करने के लिए जब पत्रकार विकास पुलिस चौकी गए, तो नलदुर्ग पुलिस थाना के सहायक पुलिस निरीक्षक प्रह्लाद सूर्यवंशी भी वहां मौजूद थे।

जब पत्रकार ने जानना चाहा कि मेरे परिजनों के साथ आरोपी गुंडों ने जो मारपीट और बदतमीजी की थी, उस मामले में क्या कार्रवाई हुई थी तो पुलिस उल्टा उन्हीं पर चढ़ बैठी। शराब पीकर थाने में बैठे सहायक पुलिस निरीक्षक प्रह्लाद सूर्यवंशी को तो पत्रकार का सवाल इतना उल्टा लगा कि अपने स्टाफ और वहां मौजूद लोगों के सामने विकास के साथ गाली—गलौज और मारपीट की।

गौरतलब है कि पत्रकार विकास दिव्यांग हैं, जिस कारण वह अपना बचाव भी नहीं कर पाए। पुलिस अधिकारी और उनके गुर्गों ने सिर्फ विकास के साथ मारपीट की, बल्कि उन्हें एक घंटे तक पुलिस चौकी में बंद करके रखा। विकास का मोबाइल और उनका आईकार्ड पुलिस ने जब्त कर लिया।

इतना ही नहीं पीड़ित पत्रकार पर ही उल्टा आरोप दर्ज कर पुलिस ने धमकी दी कि तुम्हारा पत्रकारिता कैरियर खत्म कर देंगे। विकास ने जब उस दौरान किसी को फोन करना चाहा तो उसे किसी से संपर्क नहीं करने दिया। जब परिजन पूछताछ करते हुए थाने पहुंचे तब जाकर विकास को रिहा किया गया।

इस मामले में एक बात यह भी जब पत्रकार पुलिस थाने में अपनी शिकायत के बाबत क्या कार्रवाई हुई है, जानने के लिए पहुंचा तब वहां पुलिस ने शराब और नॉनवेज पार्टी आयोजित की हुई थी। पुलिसवालों के अलावा वहां काफी भीड़ पार्टी के लिए आए हुए थे।

पीड़ित पत्रकार विकास कहते हैं, दारू—मुर्गा पार्टी के माहौल में जब मैं अपनी शिकायत के बाबत पूछताछ करने पहुंचा तो शराब के नशे में धुत सहायक पुलिस निरीक्षक प्रह्लाद सूर्यवंशी आपे से बाहर हो गए और मुझे तमाम भद्दी भद्दी गालियां देते हुए मारपीट करने लगे। मैं विकलांग हूं, तो अपना बचाव तक नहीं कर पाया।

पिछले लंबे समय से पत्रकारिता कर रहे विकास पांढरे के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हुए पुलिस ने न सिर्फ उन्हें एक घंटे तक मारपीट के बाद हिरासत में रखा, बल्कि इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की शिकायत उस्मानाबाद पुलिस अधीक्षक के पास की है।

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