दिल्ली की जीत की खुशी पंजाब में बचा पाएगी आप

Update: 2017-09-23 13:26 GMT

पंजाब उपचुनाव में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी तीनों ने किसी भी सिख को न उतार कर हिंदुओं को टिकट दिया है...

पंजाब से स्वतंत्र कुमार की रिपोर्ट
 
पंजाब के गुरदासपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए कांग्रेस, भाजपा और आम आदमी पार्टी तीनों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। चुनाव 11 अक्तूबर को होगा और 15 अक्तूबर को रिजल्ट आ जाएगा।

कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को गुरदासपुर लोकसभा के लिए टिकट दिया है। भाजपा ने गुरदासपुर जिले के चौहाना गांव के स्वर्ण सिंह सलारिया को लोकसभा का टिकट दिया है। सलारिया पेशे से बिजनेसमैन हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में भी गुरदासपुर सीट से टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन बाद में अभिनेता से नेता बने विनोद खन्ना को भाजपा ने टिकट दिया था जो इस सीट पर जीते भी थे।

पंजाब के विधानसभा चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने भी गुरदासपुर से मेजर जरनल(रिटायर्ड) सुरेश कुमार खजूरिया को लोकसभा की टिकट दी है। इससे पहले विनोद खन्ना इस सीट से 4 बार सांसद रह चुके थे। 1997 में भाजपा ज्वाइन करने के बाद विनोद खन्ना ने 1998, 1999 और 2004 में गुरदासपुर से लोकसभा का चुनाव जीता था लेकिन 2009 में विनोद खन्ना कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा से चुनाव हार गए थे, फिर 2014 में एक बार विनोद खन्ना ने इस सीट से जीत हासिल कर वापसी की थी।

इस लोकसभा सीट पर कुल 9 विधानसभा की सीटें हैं, जिसमें से सात पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि भाजपा के पास सिर्फ एक सीट है। वहीं आम आदमी पार्टी की बात करें तो अभी इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों की 9 में से 8 सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी।

यह चुनाव तीनों ही पार्टियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कांग्रेस ने छह महीने पहले ही राज्य के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करके कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई है। जहां हर राज्य से कांग्रेस का सफाया हो रहा था, वहीं पंजाब में कांग्रेस ने दोबारा वापसी की है। दूसरी ओर भाजपा के लिए भी यह किसी रेफरेंडम से कम नहीं है। 

आजकल मोदी की भाजपा सरकार के लिए अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं। पहले गोरखपुर में आॅक्सीजन से हुई 60  से ज्यादा बच्चों की मौत, फिर साउथ में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या और अब अर्थव्यवस्था की सुस्ती के संकेत और नये रोजगार के अवसर न पैदा होने से मोदी सरकार को लेकर जो युवा उत्साहित था, वह उसके मन में थोड़ी शंका दिख रही है। पेट्रोल-डीज़ल के बढ़े दामों पर विपक्ष ने भी मोदी सरकार की नींद हराम की हुई है।

आम आदमी पार्टी के लिए भी यह चुनाव एक चुनौती से कम नहीं होगा, क्योंकि पंजाब के  विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने का दावा करने वाली अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी दूसरे स्थान पर आकर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी तो बन गई थी लेकिन इस हार का ठीकरा आम आदमी पार्टी ने ईवीएम मशीनों में हुई छेड़छाड़ पर फोड़ दिया था। इस चुनाव में वीवीपेट (ईवीएम मशीनों से बटन दबाने के बाद पर्ची निकलेगी) ईवीएम मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। जिसके बाद आम आदमी पार्टी के पास कोई बहाना नहीं रह जाएगा।

आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली से बाहर दूसरे राज्यों में कितनी उर्वरी राजनीतिक जमीन है, इसका टेस्ट इस चुनाव में हो जाएगा क्योंकि आम आदमी पार्टी भाजपा के गढ़ गुजरात में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों में कुछ सीटों पर उतरने की तैयारी कर रही है।

आम आदमी पार्टी ने इस बार डोगरा राजपूत मेजर जनरल खजूरिया को चुनाव में उतारा है, क्योंकि इस सीट पर करीब 80 हजार एक्स सर्विस मैन और राजपूत वोटर हैं।

गुरदासपुर लोकसभा सीट पर बोहा, पठानकोट, सुजनपुर, बटाला, दिनानगर और गुरदासपुर विधानसभा सीट पर हिंदू वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यही वजह है तीनों पार्टियों ने किसी भी सिख को न उतार हिंदुओं को टिकट दिया है।

15 अक्तूबर को इस सीट के आने वाले रिजल्ट से तस्वीर साफ़ हो जाएगी की कौन सी पार्टी जीत दर्ज करेगी।

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