जिसे भाजपा और विद्यार्थी परिषद ने ट्रोल किया, वह दुनिया के 10 उभरते नेताओं में शामिल

Update: 2017-10-14 08:19 GMT

कई बार गलत राजनीतिक समझदारी अपने विरोधियों को स्टार बनाने का काम भी करती है। गुरमेहर के साथ भी यही हुआ और आज वह दुनिया के 10 नायकों में शामिल हो गयी है...

जनज्वार, दिल्ली। दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य की छात्र 20 वर्षीय गुरमेहर कौर को अमेरिका से प्रकाशित प्रसिद्ध पत्रिका 'टाइम मैगजीन' ने 'नेक्सट जेनरेशन लीडर्स फॉर 2017' की सूची में शामिल किया है। इस सूची में दुनियाभर के कुल 10 युवा शामिल हैं, जिसमें से गुरमेहर भी एक हैं। इस सूची में पंजाबी—कैनाडा की यूट्युब स्टार लीली सिंह भी हैं। लीली 'सुपरवोमैन' नाम से यूट्युब चैनल चलाती हैं।

गुरमेहर कौर का चुनाव फ्री स्पीच वैरियर 'मुक्त अभिव्यक्ति यौद्धा' श्रेणी में हुआ है।

गुरमेहर कौर सोशल मीडिया के जरिए देश में उस समय चर्चा में आयी थीं जब उन्होंने अप्रैल में यूट्यूब पर शहीदों को लेकर अपनी राय जाहिर की थी। यूट्युब में छात्रा गुरमेहर ने कहा था कि उनके पिता को पाकिस्तान ने नहीं, युद्ध ने मारा है। गुरमेहर के पिता कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे, जिसके कारण उनके कहे पर लोगों ने व्यापक प्रतिक्रिया दी।

वह भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी के खिलाफ प्रदर्शनों को लेकर भी चर्चा में रही थीं। अप्रैल में गुरमेहर कौर ने सोशल मीडिया पर 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट एबीवीपी' और 'सेव दिल्ली यूनिवर्सिटी' जैसे कैंपेन चलाए थे. इससे पहले 2016 में उन्हाूेंने यूट्युब अपलोड कर कहा था, 'मेरे पिता को पाकिस्तान ने नहीं, बल्कि जंग ने मारा था.'

गुरमेहर कौर का यह वीडियो बेहद विवादास्पद रहा। मूलरूप से लंधर की रहने वाली 20 वर्षीय गुरमेहर कौर के पिता कैप्टन मंदीप सिंह राष्ट्रीय राइफल्स के कैम्प में तैनात थे. करगिल जंग के दौरान वे शहीद हो गए थे. उस वक्त गुरमेहर महज 2 साल की थीं.

अप्रैल के वीडियो में गुरमेहर ने कहा था 'आज मैं भी सिपाही हूं, अपने पिता की तरह. मैं भारत और पाकिस्तान के बीच शांति हो इसके लिए लड़ाई लड़ रही हूं.' अगर दोनों देशों के बीच युद्ध नहीं हुआ होता तो आज मेरे पिता हमारे साथ होते.'

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