योगी आदित्यनाथ के बाद मोदी के केंद्रीय मंत्री बोले 'आर्य' थे भगवान हनुमान

Update: 2018-12-01 05:03 GMT

मोदी कैबिनेट के मंत्री ने कहा हनुमान जी आर्य थे। जिस काल में वो अवतरित हुए थे तब कोई और जाति नहीं थी इसलिए हनुमान जी आर्य जाति के महापुरुष हैं...

जनज्वार। पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदुओं के आदर्श हनुमान को दलित बताया, उसके बाद बीजेपी के दूसरे मंत्रियों की बकलोली शुरू हो गई है।

मोदी कैबिनेट के मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा है कि हनुमान जी आर्य थे। जिस काल में वो अवतरित हुए थे तब कोई और जाति नहीं थी इसलिए हनुमान जी आर्य जाति के महापुरुष हैं। हालांकि यहां उन्होंने योगी आदित्यनाथ के उस बयान पर कुछ भी कहने दे इंकार कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि अनुमान दलित हैं।

गौरतलब है कि बीजेपी के लिए राजस्थान में प्रचार करने गए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदुओं के आदर्श हनुमान की जाति दलित बताई थी।

उनके इस बयान पर राजनीति गर्मा गई है। विपक्ष ने भी योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर उन्हें आड़े हाथों लिया है।

वहीं अलवर में भाजपा का चुनाव प्रचार करने के दौरान केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कल 30 नवंबर को हनुमान के बारे में बयानबाजी की कि वे दलित नहीं आर्य थे। दलित नहीं आर्य थे। दरअसल हनुमान जी की कोई जाति थी ही नहीं, बल्कि उनकी नस्ल थी। क्योंकि भगवान राम और हनुमान के वक्त जाति जैसा कुछ नहीं था।

सत्यपाल सिंह अपना ज्ञान बघारने में यहीं तक नहीं थमे। वो आगे बोले कि उस वक्त जाति नहीं वर्ण हुआ करते थे। राम ही नहीं बल्कि हनुमान भी आर्य जाति से हैं। योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित बताया है वो इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहेंगे।

ये वही महाशय और मोदी कैबिनेट के ज्ञानी मंत्री हैं, जिन्होंने कुछ समय पहले सरकार के उच्चतम सलाहकार निकाय की बैठक में कहा कि भारत में पहले से ऐसे मंत्र हैं जो न्यूटन द्वारा खोजे जाने से पहले ‘गति के कानून’ को संहिताबद्ध थे, इसलिए यह आवश्यक है कि परंपरागत ज्ञान हमारे पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। यानी मंत्री महोदय ने यह ज्ञान न सिर्फ बांटा, बल्कि यह भी कहा कि इसे स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल कर देना चाहिए। उससे पहले ये पूर्व आईपीएस अधिकारी और वर्तमान केंद्रीय मंत्री महोदय इंसानों के विकास से जुड़े डार्विन के सिद्धांत को गलत ठहरा चुके हैं और इस पर भी कह चुके हैं कि स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में इसमें बदलाव करने की जरूरत है।

हालांकि इससे पहले खुद प्रधानमंत्री मोदी भी कह चुकी हैं कि हिंदुओं के आदर्श गणेश की भी प्लास्टिक सर्जरी हुई थी। हमारे देश का विज्ञान युगों—युगों से काफी उन्नत रहा है।

वहीं छत्तीसगढ़ बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने हनुमान को अनुसूचित जनजाति यानी आदिवासी समुदाय का आदर्श बताया है। नंद कुमार ने लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया कि हनुमान का गौत्र भी आदिवासियों के गौत्र से मिलता है। अनुसूचित जनजाति में हनुमान एक गौत्र होता है। कई जगह पर गिद्ध गौत्र भी है। जैसे तिग्गा भी एक गौत्र होता है जिसे कुड़ुक में बंदर कहते हैं।



धार्मिक मुद्दों को भुनाने की फिराक में मोदी सरकार के एक और मंत्री का दाव कहीं बीजेपी का बेड़ा गर्क न कर दे, जनता का मूड भांपकर तो यही कहा जा सकता है। जनता बीजेपी के उनके धार्मिक आदर्शों के बारे में मोदी सरकार के अग्रिम पंक्ति के नेताओं के बयानों से नाराज दिखाई दे रही है।

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