छिंदवाड़ा की इस महिला नर्स के साहस को सलाम, खुद गर्भवती है और क्वारंटाइन सेंटर में दे रही सेवा

Update: 2020-05-15 15:30 GMT

गर्भवती महिला नर्स का घर में है 6 साल का बेटा, जिसे पति के साथ घर पर छोड़कर क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना पॉजीटिव व्यक्तियों के उपचार में लगी हुई है...

छिंदवाड़ा, जनज्वार। कोरोना महामारी के समय लोगों के त्याग और समर्पण की तस्वीर देखने को मिल रही है। कोई अपनी ड्यूटी में प्रण-प्राण से जुटा है तो कोई पारिवारिक समस्याओं को दरकिनार कर जरूरतमंदों की सेवा कर रहा है। ऐसी तस्वीर छिंदवाड़ा से सामने आई है। जहां नर्स चेतना विश्वकर्मा जो कि गर्भवती हैं, लेकिन अपने छह वर्षीय बेटे की जिम्मेदारी पति को सौंपकर नियमित रुप से क्वारंटाइन सेंटर में लोगों की सेवा में लगी है।

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छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विकासखण्ड के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के क्वारंटाइन वार्ड की प्रभारी स्टाफ नर्स चेतना विश्वकर्मा है। वे गर्भवती होने के बाद भी बिना किसी अवकाश के क्वारंटाइन सेंटर में पूरी ईमानदारी से सेवा कर रही हैं।

Full View बताती है कि उनका छह वर्ष का बेटा है जिसे पति के साथ घर पर छोड़कर क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना पॉजीटिव व्यक्तियों के उपचार में लगी हुई है।

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चेतना की तरह अनेक ऐसे लोग हैं, जो इस विपत्ति के समय अपनी जिम्मेदारी का बेहतर तरीके से निर्वहन करने में लगे हैं। सभी की कोशिश यही है कि जरूरतमंद की ज्यादा से ज्यादा मदद की जाए और इस बीमारी के संक्रमण को बढ़ने से रोका जाए।

कोरोना की भयावहता के बीच स्वास्थ्यकर्मियों की तमाम ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं, जो इंसानियत की मिसाल पेश करती हैं। दुनियाभर में तमाम डॉक्टर कई परेशानियों के बीच मरीजों को जीजान से बचाने में जुटे हुए हैं। हालांकि इस बीच उन्हें तमाम तरह के दुर्व्यवहार का भी सामना करना पड़ रहा है।

Full View जान दांव पर लगा रहे स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार की खबर छत्तीसगढ़ से भी सामने आयी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मकान मालिकों द्वारा किराएदार डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ से अपने घरों को खाली करवाने की घटनायें सामने आयीं, क्योंकि वे अस्पताल में काम कर रहे हैं और उन्हें ये डर है कि उनका इनफेक्शन कहीं घरों तक न पहुंच जाए।

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