हरियाणा में एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल के विरुद्ध हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संघर्ष का स्वराज इंडिया ने किया समर्थन

Update: 2019-07-26 16:48 GMT

(योगेंद्र यादव ने सरकार के रिकॉर्डतोड़ फसल खरीद के दावे को 'जुमला' बताया है)। फाइल फोटो। 

स्वराज इंडिया प्रमुख योगेन्द्र यादव बोले यह न्यायिक प्रक्रिया जनता के नजदीक लाने के नाम पर सरकार की गोद में रखने का नापाक प्रयास

हरियाणा। वकील और स्वराज अभियान के ​हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष राजीव गोदारा ने कहा कि ट्रिब्यूनल का गठन नौकरियां देने में की जाने वाली धांधलियों को ढांपने व सरकार को उत्तरदायित्व से बचाने का बेहूदा प्रयास है। हाईकोर्ट की शक्तियां सरकार द्वारा नियुक्त सेवानिवृत न्यायाधीश व गैर न्यायिक मेम्बर्स को देना न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है।

स्वराज इंडिया के पदाधिकारियों ने कहा कि हम हरियाणा राज्य में एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल बनाने का विरोध करते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के संघर्ष का समर्थन करते हैं। स्वराज इंडिया इस विचार की समर्थक है कि जनता को न्याय पाने के लिए दूर न जाना पड़े व उन्हें घर के नजदीक न्याय मिले। मगर यह तभी सार्थक है अगर न्याय मिले। ट्रिब्यूनल का गठन कर न्याय को जनता के नजदीक लाने के नाम पर बार बार न्याय को ही छीन लिया जाता रहा है। सरकार के फैसलों की न्यायिक समीक्षा करने की हाईकोर्ट की ताकतों को छीन कर सरकार द्वारा नियुक्त ट्रिब्यूनल को सौंप देना न्याय की अवधारणा को ही तहस नहस करने का प्रयास है।

हम सब अनुभव से जानते हैं कि सरकार द्वारा नियुक्ति वाले ट्रिब्यूनल सरकार के नियंत्रण से मुक्त नहीं हो पाते हैं। जब सरकार का प्रभाव फैसला करने वालों पर रहेगा तो सरकार के खिलाफ अदालत में आने वालों को न्याय मिलना और भी कठिन हो जाएगा।

रकारी नौकरियों में भर्ती के नाम पर घोटालों का जो खेल सालों से हो रहा है, उसे हाईकोर्ट (जहां न्यायाधीश सरकार के प्रभाव से मुक्त होते हैं) लगाम लगाती रही है। भर्तियों में धांधली को इस ट्रिब्यूनल के गठन से बेलागम जारी रखने की कोशिश है व उसे छुपाने का प्रयास है।

रियाणा में तहसीलदार, एचसीएस व अध्यापकों की भर्ती के मामलों में होती रही अनियमितता और भ्रष्टाचार के कारण उन्हें हाई कोर्ट द्वारा बार बार रद्द किया जाता रहा है। मगर ट्रिब्यूनल के गठन से यह उम्मीद करना बेमानी होगा कि भ्रष्टाचार या धांधली होने पर भर्ती को रद्द किया जा सकेगा।

यह सही है कि ट्रिब्यूनल के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी मगर महंगी न्यायिक व्यवस्था में यह बहुत कम नागरिकों के लिए सम्भव है कि दूसरे स्तर तक लड़ सकें।

स्वराज इंडिया जनता को घर के नजदीक न्याय उपलब्ध करवाए जाने का समर्थन करता है व मांग करता है कि चंडीगढ़ के बाहर हाईकोर्ट बेंच स्थापित किया जाए।

पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने आज लम्बी बैठक के बाद न्यायिक व्यवस्था की स्वतंत्रता को बचाने व न्याय सुनिश्चित करवाने के लिए ट्रिब्यूनल के गठन का विरोध दर्ज करवाया है।

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