हिंदू महासभा ने की अलीगढ़ में एक बार फिर गांधी की 'हत्या', गूंजे 'गोडसे अमर रहे' के नारे

Update: 2019-01-30 12:11 GMT

हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनकी हत्या के सीन को रीक्रिएट करते हुए बापू के पुतले को गोली मारी, फिर उसका दहन किया। इस दौरान हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने 'महात्मा नाथूराम गोडसे अमर रहे' के नारे भी लगाए...

जनज्वार। उत्तर प्रदेश में योगीराज में हिंदुत्व आतंक किस तरह पैर पसार रहा है, उसका एक घिनौना उदाहरण एक बार फिर सामने आया है। सारा देश जहां आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद कर उनकी 71वीं पुण्यतिथि मना रहा है, वहीं अलीगढ़ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे और अन्य कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी की हत्या का न सिर्फ जश्न मनाया, बल्कि उनके पुतले को गोली मार खून बहाया और फिर उसे जलाकर स्वाहा कर दिया।

सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनकी हत्या के सीन को रीक्रिएट करते हुए बापू के पुतले को गोली मारी, फिर उसका दहन किया। इस दौरान हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने 'महात्मा नाथूराम गोडसे अमर रहे' के नारे भी लगाए।

हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने गांधी जी के हत्यारे को सच्चा हिंदूवादी बताते हुए महात्मा की उपाधि तक दे डाली। गौरतलब है कि गांधी जी के पुतले को गोली मार खून बहाने वाली हिंदू महासभा की सचिव पूजा शकुन पांडे पहले भी विवादों में रह चुकी हैं, जब पिछले साल उन्होंने खुद को हिंदू कोर्ट का जज घोषित कर दिया था। पिछले कुछ वर्षों के दौरान पूजा शकुन पांडे कई बार गोडसे की प्रतिमाओं और तस्वीरों पर फूल चढ़ाने के साथ महिमामंडन कर चुकी हैं। पहले भी वह गांधीजी की पुण्यतिथि को शौर्य दिवस के रूप में मनाते हुए मिठाइयां बांट चुकी हैं।

वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे ने एक नकली बंदूक का इस्तेमाल करके गांधी के पुतले को गोली मारी और पुतले से 'खून' भी बहाया गया। इसके अलावा नाथूराम गोडसे की फोटो को हार—माला पहनाते हुए उनका शौर्य दिवस मना गांधी की हत्या की याद में मिठाई वितरित की गई।

Full View है कि आज ही के दिन 71 साल पहले 30 जनवरी, 1948 को नई दिल्ली के बिड़ला हाउस परिसर में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। गांधी जी की हत्या के मामले में नाथूराम गोडसे समेत 8 लोगों को हत्या की साजिश रचने का आरोपी ठहराया गया था। 5 अभियुक्तों में से तीन गोपाल गोडसे, मदनलाल पाहवा और विष्णु रामकृष्ण करकरे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी, जबकि नाथूराम गोडसे व नारायण आप्टे को फांसी पर लटकाया गया था।

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