दिल्ली में फंसे हैं सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर, खर्च को पैसे नहीं, ट्रेन बंद होने से वापस नहीं जा सकते घर
दिल्ली के सभी स्टेशनों पर पुलिस तैनात है और वह किसी को स्टेशन में प्रवेश नहीं करने दे रही। सबसे बड़ी समस्या यही है कि दूसरे राज्यों से दिल्ली में आकर मजदूरी कर रहे लोग आखिर जाएँ तो जाएँ कहाँ...
जनज्वार। कोरोना के प्रकोप को देखते हुए देश में लागू किये गए टोटल लॉक डाउन के दौरान सभी ट्रेनों को रद्द किये जाने से कई राज्यों के लोग दिल्ली में फंसे हैं। इनमे अधिकांश वे लोग हैं जो दिहाड़ी पर दिल्ली में मजदूरी करते थे। टोटल लॉक डाउन की घोषणा के बाद कंस्ट्रक्शन साइट्स और फैक्ट्रियां बंद होने से बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल से आकर दिल्ली में मजदूरी कर रहे लोगों के सामने आजीविका का सवाल पैदा हो गया है। टोटल लॉक डाउन के साथ ही सभी पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों को भी रद्द किया गया है।
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जिसके चलते ये लोग अपने घरो को वापस नहीं जा पा रहे। वहीँ टोटल लॉकडाउन के बाद दिल्ली के सभी स्टेशनों पर पुलिस तैनात है और वह किसी को स्टेशन में प्रवेश नहीं करने दे रही। सबसे बड़ी समस्या यही है कि दूसरे राज्यों से दिल्ली में आकर मजदूरी कर रहे लोग आखिर जाएँ तो जाएँ कहाँ। कंस्ट्रक्शन साइट्स और फैक्ट्रियां बंद होने के बाद मालिकों ने दिहाड़ी मजदूरों की भी छुट्टी कर दी है, लेकिन मुश्किल यह है कि अब जबकि सभी ट्रेने बंद हैं, आखिर ये लोग किस तरह अपने ठिकानों तक पहुंचे।
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पहले कयास लगाए जा रहे थे कि शायद 31 मार्च के बाद टोटल लॉक डाउन खत्म हो जायेगा और दिल्ली की ज़िंदगी पटरी पर दौड़ने लगेगी, लेकिन बुधवार रात 8 बजे पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा टोटल लॉक डाउन की अवधि 15 दिन और बढ़ाये जाने से घर वापस जाने के लिए एक एक दिन गिनकर 31 मार्च का इंतज़ार कर रहे दूसरे राज्यों के लोगों के पास अब अगले 21 दिनों तक वापस जाने का विकल्प खत्म हो गया है। सबसे अहम बात मालिक द्वारा छुट्टी किये जाने के बाद मिली गिनी चुनी रकम भी पिछले तीन चार दिन में कम हो चुकी है। ऐसी स्थति में जब खाने पीने की सभी दुकाने बंद हैं, ये लोग किराना शॉप से बिस्कुट इत्यादि खरीदकर अपना पेट भर रहे हैं।