आपदा में अब बहुत काम का साबित होगा मोबाइल

Update: 2017-09-29 13:54 GMT

प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सरकार ने आपात मोबाइल नेटवर्क लगाने का ऐलान किया है, इसके लिए उसने दूरसंचार उपकरण बनाने वाली भारतीय कंपनी विहान नेटवर्क्स से हाथ मिलाया है...

दिल्ली। इस करार पर हस्ताक्षर करते हुए बीएसएनएल के चेयरमैन अनुपम श्रीवास्तव ने कहा, हमारे देश में प्राकृतिक आपदाओं की आशंकाओं को देखते हुए व्यापक संवाद समाधानों की तत्काल तैनाती से आपदा प्रबंधन एजेंसियों को मदद मिलेगी। इस तरह का नेटवर्क इन एजेंसियों के राहत व बचाव अभियान में मददगार होगा। इस समाधान– रिलीफ 123 में एक पोर्टेबल मोबाइल स्टेशन शामिल है, जिसमें 24 घंटे तक की बिजली आपूर्ति सुविधा है जिसमें सौर ऊर्जा पैनल लगा है।

राजधानी दिल्ली में तीन दिवसीय इंडिया मोबाइल कांग्रेस का आयोजन हो रहा है, जिसमें इंडस्ट्री से जुड़े तमाम विशेषज्ञों ने हिस्सेदारी की। गौरतलब है कि यह देश का सबसे पहला मोबाइल, इंटरनेट और तकनीक सम्मेलन है जिसे 'इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2017' के नाम से 27—29 सितम्बर तक आयोजित किया गया।

सम्मेलन में सार्वजनिक दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल और टेलीकॉम उपकरण निर्माता विहान में आपात मोबाइल नेटवर्क को लेकर एक करार हुआ है। इसके तहत आपदा के समय घंटेभर में मोबाइल नेटवर्क शुरू किया जा सकेगा, जिससे आपदा में फंसे लोगों का पता जल्द से जल्द लगाया जा सकेगा।

विशेषज्ञों ने कहा कि देश में लगातार बढ़ रहे साइबर हमलों को देखते हुए सिक्योरिटी का दायरा बढ़ाने की सख्त जरूरत है, और इस तरह का करार इसमें सहयोगी भूमिका निभाएगा।

विहान नेटवर्क्स के संस्थापक राजीव मेहरोत्रा के मुताबिक किसी भी आपदा की स्थिति में हालात के आधार पर रिलीफ 123 के तीन मॉडल इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जिससे एक घंटे में मोबाइल नेटवर्क काम करना शुरू कर देगा। इससे सभी तरह के नेटवर्क बंद होने पर भी मोबाइल सिग्नल की मदद से मलबे में दबे या फंसे लोगों को खोजने में मदद मिलेगी।

मेहरोत्रा ने कहा कि उनकी कंपनी विहान इस साल के आखिर तक भारत में बनने वाले उत्पाद की आपूर्ति अमेरिका सहित अनेक देशों को शुरू करेगी। विहान के हवाले से कहा गया है कि इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि भूकंप, तूफान, बाढ़ ओर सुनामी सहित किसी भी तरह की परिस्थिति में यह काम करेगा।

इंडिया मोबाइल कांग्रेस में हिस्सा ले रहे रेलमंत्री पीयूष गोयल कहते हैं कि देश में मौजूदा समय में जिस तरह की टेक्नोलॉजी, टैलेंट और इनोवेशन मौजूद है उसकी बदौलत भारत डिजिटल होने की दिशा में लंबी छलांग लगाएगा। हमें और ज्यादा विकास करने के लिए टेक्नोलॉजी के स्तर को और बढाना होगा। इतना ही नहीं दूरसंचार सुविधाओं से महरूम इलाकों तक मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने से लोगों की पहुंच सीधे—सीधे बैंकिंग और ई कॉमर्स तक होगी। हां, इसमें यह ख्याल जरूर रखना होगा कि आम लोगों तक गुणवत्तापूर्ण सेवा पहुंचे और टेक्नोलॉजी का स्तर भी बेहतर से बेहतर हो, ताकि वो उसको प्रयोग करने में झिझकें नहीं।

साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की राय में भारत या दुनिया में कहीं भी निर्माणाधीन स्मार्ट सिटी के लिए साइबर हमलों से बचाव के लिए मुकम्मल इंतजाम करने होंगे। स्मार्ट सिटी की हर चीज डिजिटल होगी, ऐसे में साइबर हमसे पूरी सिटी को नुकसान पहुंच सकता है।

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