ब्रेकिंग : माओवादी नेता कोबाड गांधी विशाखापट्टनम जेल से रिहा

Update: 2017-12-13 15:23 GMT

8 वर्षों से थे यूएपीए के तहत जेल में बंद

जनज्वार। वरिष्ठ माओवादी नेता आज दोपहर आंध्रप्रदेश के विशाखापट्नम जेल से रिहा हो गए। वह अलग अलग जेलों में माओवादी नेता होने और माओवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में जेल में बंद थे। कोबाड गांधी 8 साल दो महीने जेल में बंद रहे।

68 साल के कोबाड गांधी पर आरोप था कि वे प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नेटवर्क की दिल्ली में स्थापना करने में संलिप्त थे। दिल्ली से उन्हें यहां 20 सितंबर, 2009 को उन्हें तब गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वे कैंसर का इलाज करा रहे थे।

उनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कहा था कि वे भाकपा (माओवादी) की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए दिल्ली में रह रहे थे और इस काम में उनके एक सहयोगी राजेंद्र कुमार ने उनकी सहायता की थी। राजेंद्र कुमार को भी इसके लिए 19 मार्च, 2010 को गिरफ्तार कर लिया गया था।

कोबाड गांधी की स्कूली शिक्षा प्रतिष्ठित दून स्कूल और मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज के से हुई है। उनपर देश के विभिन्न हिस्सों में अपराध और आतंक के तकरीबन 20 मामलों में मुकदमे दर्ज हुए थे। कोबाड गांधी की गिरफ्तारी ने यह सवाल जरूर उठाया था कि संपन्न घर से ताल्लुक रखने वाला एक लड़का आखिर गढ़चिरौली के जंगलों तक कैसे पहुंचा और क्यों उसने इस राह को चुना। 

हालांकि इससे पहले माओवादी विचारक कोबाड गांधी को दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें तीन महीने की जमानत पर 2015 में रिहा किया था। अदालत ने कहा था कि कोबाड गांधी विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हैं। जेल जाने के बाद से उनकी हालत दिन—ब—दिन खराब हो रही थी।

पुलिस के मुताबिक कोबाड गांधी अरविंद, सलीम, कमल और आजाद जैसे कई उपनामों का इस्तेमाल करते थे। अगस्त 2005 में पूर्व कांग्रेस विधायक चित्तम नरसी रेड्डी की हत्या में उन पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इस साल 4 अप्रैल से कोबाड विशाखापट्टनम जेल में सजा काट रहे थे। इससे पहले उन्होंने दिल्ली की तिहाड़ जेल में सात साल बिताए थे। 

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