शिक्षा के निजीकरण और फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ जेएनयू के छात्रों का आंदोलन जारी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में छात्रों का प्रदर्शन

Update: 2019-11-30 05:56 GMT

जेएनयू के छात्रों ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नजदीक किया विरोध प्रदर्शन, सरकार की ओर से गठित समिति की अनुशंसाओं को सार्वजनिक करने की मांग, बीते चार सप्ताह से जारी है छात्रों का आंदोलन...

जनज्वार। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने शुक्रवार 29 नवंबर को मानव संसाधन विकास मंत्रालय परिसर के नजदीक प्रदर्शन किया। छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में कामकाज की सामान्य बहाली को लेकर सरकार की ओर से गठित समिति की अनुशंसाओं को सार्वजनिक किया जाए। छात्र हॉस्टल मैनुअल में फीस में हुई बढ़ोतरी को लेकर पिछले चार हफ्ते से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं।

प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने कहा जेएनयू प्रशासन ने हॉस्टस मैनुअल के जरिए जो फीस बढ़ा दी हैं उसको लेकर और नई शिक्षा नीति के तहत सरकार जेएनयू का जो निजीकरण करने जा रही है, उसके विरोध में छात्रों द्वारा पिछले एक महीने से जेएनयू के अंदर और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बाहर आंदोलन किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के विरोध मे हमने संसद तक मार्च भी किया था तब पुलिसवालों ने हम लोगों को काफी बुरी तरह पीटा था।

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जेएनूय के छात्र रोशन ने कहा कि आज हम कुछ सवालों को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय आए हैं जिसमें हमारी फीस को लेकर अगर मंत्रालय की तरफ से कोई प्रस्ताव आया है तो उसे जल्द से जल्द सार्वजनिक किया जाना चाहिए और प्रस्ताव को जेएनयू के वाइस चांसलर मानें और वीसी हमको इस बात का आश्वासन दें कि हमारी जितनी भी फीस बढ़ाई गई है उसे वापस किया जाए। जब तक हमारी मांगों को नहीं माना जाता है तबतक हम अपना आंदोलन जेएनयू के अंदर और बाहर जारी रखेंगे।

रोशन आगे कहते हैं, 'रोशन आगे कहते हैं, इसी मामले को लेकर जब हम लोगों को दिल्ली पुलिस की बसों मे एमएचआरडी लाया जा रहा था तो पुलिस ने हमारी बसों को गलत रास्ते से लाने की कोशिश की। दिल्ली पुलिस हम लोगों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक लाने में आनाकानी कर रही थी, इसके बाद हमने बसों को रोका और पैदल मार्च करते हुए यहां तक पहुंचे। यहां पर भी आप देख सकते है छात्रों से ज्यादा संख्या पुलिस की है। हमारी सरकार से मांग है कि शिक्षा को एकदम मुफ्त बनाया जाए और पूरे देश में शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है उसे रोका जाए देश मे आईआईटी, आईआईएम, एम्स सरकार सब संस्थानों की फीस मे लगातार बढ़ोतरी करती जा रही है।'

जेएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष सारिका ने जनज्वार को बताया कि पिछले एक महीने से हम फीस वृध्दि को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन की मींटिग में भी जेएनयूएसयू के सदस्य को भी नहीं बुलाया गया था। इसके अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा भी एक कमेटी बनाई गई थी जिसकी रिपोर्ट को हम लोगों को नहीं बताया जा रहा है। हमारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मांग है कि जो रिपोर्ट कमेटी द्वारा बनाई गई है उसे जल्द से जल्द लोगों के बीच मे रखा जाए।

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मामले पर छात्र नेता आईसी घोष ने कहा कि हमारी केवल दो चार मांगे है, पहली मानव संसाधन विकास मंत्रालय और जेएनयू प्रशासन द्वारा जो कमेटी बनाई गई थी उसके प्रस्तावों और रिपोर्टों को सभी लोगों के सामने रखा जाए। प्रशासन रिपोर्ट को बेबसाइट में अपलोड करे। हमारी दूसरी मांग है कि जेएनयू प्रशासन और वीसी की वजह से छात्रों को जो समस्या झेलनी पड़ी है उसका समाधान मानव संसाधन विकास मंत्रालय और जेएनयू मिलकर निकालें। इस सत्र की परीक्षाओं को रोका जाना चाहिए, साथ ही वाइस चाइंसलर अपने पद से इस्तीफा भी दें।

मामले को लेकर जेएनूयू के छात्र संजीव ने बताया कि जेएनयू के प्रशासन ने हमारी फीस को बढ़ा दिया है। फीस बढ़ने के कारण जेएनयू के 50 प्रतिशत छात्र आगे पढ़ नहीं पाएंगे लेकिन ये प्रशासन कहीं से भी हमारी मांगो को नहीं मान रहा हैं। हम लोग पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं। हमारी मांग है कि जेएनयू के वीसी अपने पद से इस्तीफा दें और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जो प्रस्ताव छात्रों के लिए लाया गया उसे सार्वजनिक किया जाए।

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