जुनैद के हत्यारों को बचाने में लगे हैं हरियाणा सरकार के कानून अधिकारी

Update: 2017-10-30 19:25 GMT

कोर्ट ने माना यह एक तरह से पीड़ित पक्ष को न्याय नहीं दिलाने और दोषियों का पक्ष लेने की साजिश है, जो खुद एडवोकेट जनरल दोषी पक्ष के वकील के साथ मिलकर कर रहे हैं...

फरीदाबाद। 15 वर्षीय नाबालिग जुनैद हत्याकांड की सुनवाई कर रही निचली अदालत के जज ने सरकारी वकील पर कार्रवाई के लिए कहा है। जज ने इस मामले में पाया कि सरकारी वकील जुनैद के हत्यारों को सजा दिलाने की बजाए उन्हें बचाने के कोशिश में जुटा है।

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गौरतलब है कि इसी साल 22 जून को दिल्ली से ईद की खरीददारी कर हरियाणा के बल्लभगढ़ जा रहे 5 मुस्लिम युवकों पर चलती ट्रेन में भीड़ के बीच जानलेवा हमला हुआ था। हमलावरों ने सीट को लेकर हुए झगड़े में 5 मुस्लिम लड़कों के मुसमलान होने और बीफ खाने का बेमतलब का आरोप लगाकर बुरी तरह पीटा था, जिसमें से चाकू से मारे जाने पर 15 वर्षीय जुनैद की जान चली गयी थी।

फरीदाबाद के अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश वाईएस राठौर ने 25 अक्टूबर को अपने अंतरिम आदेश में कहा कि 24 और 25 अक्टूबर के कोर्ट रिकॉर्ड में दर्ज है कि अतिरिक्त एडवोकेट जनरल नवीन कुमार इस हत्याकांड के मुख्य दोषी नरेश कुमार को पीड़ित पक्ष के गवाहों से पूछने के लिए सवाल सुझा रहे थे।

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कोर्ट द्वारा अतिरिक्त एडवोकेट जनरल के खिलाफ सीधी कार्रवाई के आदेश देने का कारण यह रहा कि कोर्ट ने माना कि यह एक तरह से पीड़ित पक्ष को न्याय नहीं दिलाने और दोषियों का पक्ष लेने की साजिश है, जो खुद एडवोकेट जनरल दोषी पक्ष के वकील के साथ मिलकर कर रहे हैं।

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, फरीदाबाद के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश वाईएस राठौर ने 25 अक्टूबर के अपने आदेश में दोटूक कहा कि अतिरिक्त एडवोकेट जनरल की यह हरकत न सिर्फ अनैतिक है, बल्कि गैर व्यावसायिक भी है। वह ऐसा तब कर रहे हैं जब वह हरियाणा सरकार के एडवोकेट जनरल के दफ्तर में कानून अधिकारी हैं।

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जज राठौर ने आगे कहा कि बचाव पक्ष के वकील के अनुसार ट्रेन में यात्रा के दौरान हुए सीट को लेकर हुए झगड़े में अल्पसंख्यक समुदाय का एक 15 वर्षीय बच्चा मार दिया जाता है। मारते वक्त उसे धार्मिक आधार पर गालियां दी जाती हैं और बेइज्जत किया जाता है। और ऐसे संवदेनशील केस में राज्य के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल नवीन कौशिक दोषी पक्ष के वकील के साथ आरोपियों के बचाव में खड़े होते हैं। सवाल है कि पीड़ित पक्ष के बीच क्या संदेश जाएगा? क्या कौशिक का रवैया कोर्ट के स्वतंत्र और निष्पक्ष कैसले को प्रभावित नहीं करेगा।

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जज ने इस सिलसिले में पंजाब और हरियाणा हाईकार्ट, चंडीगढ़ स्थित एडवोकेट जनरल के दफ्तर और पंजाब—हरियाणा बार काउंसिल को पत्र लिखकर इस मामले में त्वरित आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।  (फोटो : पीटीआई)

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