विश्वभर के मजदूरों और गरीबों के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में ख्यात लेनिन की त्रिपुरा में मूर्ति ढहाने वाले भाजपाइयों का कहना है कि हमने अपने विचार विरोधी को कर दिया नेस्तनाबूद, भाजपा महासचिव राम माधव ने ट्वीट की फोटो
भारत माता के जयकारे के बीच नेस्तनाबूद कर दी गयी मूर्ति, बुलडोजर लगा एक मिनट में नामोनिशान खत्म
जनज्वार। पहली बार पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में जीती भाजपा वहां के नागरिकों को अपने शासन काल में क्या दे पाएगी, यह तो आगे पता चलेगा लेकिन उसने एक बात साबित कर दी उसके समर्थकों में बड़ी संख्या कट्टरपंथियों की है, जो भारतीय लोकतंत्र के लिए कहीं से भी बेहतर नहीं कहा जा सकता।
याद होगा कि अफगानिस्तान में बेमियान इलाके में स्थित बुद्ध की प्रतिमा को मुस्लिम कट्टरपंथियों ने ढाह दिया था। उनका भी कहना था कि हमने अपने वैचारिक विरोधी और विदेशी आदर्श को ध्वस्त किया है।
दक्षिण त्रिपुरा जिले के बलोनिया चौक पर मजदूर नेता लेनिन की 5 फिट की मूर्ति थी। यह मूर्ति वामपंथी सरकार ने श्रमिक जनता के गौरव के तौर पर स्थापित की थी। दुनिया भर के मजदूर लेनिन को अपने संघर्ष के मुख्य नायक के तौर पर याद रखते हैं और उनके बताए आदर्शों के अनुसार दुनिया में समाजिक बराबरी वाला समाज बनाकर समाजवाद की स्थापना करना चाहते हैं।
पर भाजपा का मातृ संगठन आरएसएस वामपंथी विचार को विदेशी विचार बताकर खारिज करती रही है। हालांकि वह खुद हिटलर के तौर तरीकों, बातों, विचारों और पहनावे को अपनाती रही है और आज भी अपनाती है। आरएसएस वैचारिक तौर पर किसी भारतीय चिंतक के बजाए हिटलर के करीब नजर आती है और वह हिटलर को वामपंथियों के मुकाबले बेहतर मानती है।
बलोनिया चौक पर से मूर्ति नेस्तनाबूद करने से पहले भाजपा समर्थकों ने पहले बुलडोजर के ड्राइवर को शराब पिलाई, फिर भारत माता के जयकारे वाले नारे लगाए और देखते ही देखते चौराहे पर वर्षों से खड़े लेनिन जमिंदोज हो गए। इस मामले में पुलिस का कहना है कि भाजपा की जीत के बाद से लगातार राज्य भर से हिंसा की खबरें आ रही हैं, पुलिस की कोशिश है इसे नियंत्रित किया जाए।