कैराना और नूरपुर में भाजपा की हार, सांप्र​दायिकता के खिलाफ सेकुलरवाद की जीत

Update: 2018-05-31 12:56 GMT

नूरपुर से सपा के नईमुल हसन 6211 वोट से जीते चुनाव

सपा—बसपा—कांग्रेस समर्थित लोकदल लोकसभा प्रत्याशी तबस्सुम हसन का भी जीतना तय 

2019 में महागठबंधन के सेकुलरवाद का होगा एक ही केंद्रीय नारा — लाठी, हाथी, 786। सपा ने गोरखपुर, फूलपुर से लेकर कैराना व नूरपुर की जीत को इसी से नारे से किया साकार, अगले चुनाव में यही नारा देगा महागठबंधन को बेमिसाल परिणाम

इस जीत के जाएंगे दूर तक संदेश, अब कहा जा सकता है कि मुजफ्फरनगर दंगे के जरिए यूपी में फैलाए गए सांप्रदायिक जहर का असर हो रहा है कम, हिंदू—मुसलमान के बंटवारे वाली राजनीति से उपर उठकर मुद्दों वाली राजनीति का 2019 में बढ़ेगा बोलबाला

जनज्वार, दिल्ली। लोकसभा की 4 और विधानसभा की 10 सीटों पर देश में हुए उपचुनाव के नतीजे आज आ रहे हैं। लोकसभा की 4 सीटों में पश्चिमी यूपी की कैराना, महाराष्‍ट्र की भंडारा-गोंदिया और पालघर व नगालैंड की एक सीट शामिल है। इन सभी सीटों पर 28 मई को उपचुनाव हुए थे। 

नूरपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नईमुल हसन  6211 हजार वोटों से जीत चुके हैं। इस सीट पर पिछले 2 बार से BJP जीत रही थी। वहीं बिहार के जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव में आज राजद प्रत्याशी की 40 हजार वोटों से हुई जीत के बाद राजद के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जोकीहाट में जहर और तलवार बांटने वालों की हार हुई है। 

पंजाब के जालंधर जिले के शहकोट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हरदेव सिंह लाडी 38 हजार से अधिक वोटों से जीते हैं तो उत्तराखंड के चमोली जिले क थराली विधानसभा से भाजपा की मुन्नी देवी शाह 1900 सौ वोटों से जीती हैं।  

उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा में हुए उपचुनावों के परिणामों का सपा समेत महागठबंधन के सभी दलों के लिए गोरखपुर और फूलपुर से भी ज्यादा बड़े मायने हैं। इस जीत ने साबित किया कि देश का मूड बदल रहा है और सांप्रदायिकता के खिलाफ हिंदू—मुसलमान एक साथ आएंगे। साथ ही यह बात भी अब कायदे से कही जा सकती है सेकुलर वोटों का अस्तित्व अभी खत्म नहीं हुआ है, जैसा कि उत्तर प्रदेश में सतह पर तैर रहे राजनीतिक माहौल से योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद आभास हो रहा था।

गौरतलब है कि महागठबंधन यानी सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद को नेतृत्व दे रही सपा ने बिलकुल सोचकर और तैयारी के साथ कैराना और नूरपुर दोनों ही सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं।

नूरपुर और फूलपुर दोनों ही उपचुनावों में सपा की जीत को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एमएलसी शशांक यादव कहते हैं, 'वोटों के लिटमस टेस्ट के लिए जरूरी था कि ये दोनों सीट सपा और सहयोगी जीतें। ऐसा इसलिए जरूरी था कि दोनों प्रत्याशी मुस्लिम थे और मुस्लिम तो मुस्लिम को वोट देता ही है, लेकिन मुस्लिम प्रत्याशी को हिंदू वोट दे रहे हैं कि नहीं इसे जाना जाए। यह हमारे लिए इसलिए भी जरूरी था कि देश को संदेश जाए कि हमारा देश सेकुलर और सर्वजन हिताय वाला देश है, किसी धर्म विशेष की जागीर और सांप्रदायिकता की प्रयोग स्थली नहीं।'

देश के सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में हो रहे कैराना लोकसभा उपचनुाव का परिणाम भाजपा और विपक्षी दलों दोनों के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण हैं। महत्व का सबसे बड़ा कारण है कि कैराना सीट उसी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है, जहां के आसपास के इलाकों में हुए 2014 के दंगों के बाद यूपी में हिंदू—मुसलमान वोटों का ऐसा ध्रुवीकरण किया कि पूरे प्रदेश में अजित सिंह की पार्टी रालोद और प्रदेश की दूसरी सबसे ताकतवर पार्टी बसपा का खाता ही नहीं खुला।

खाता नहीं खुलने का परिणाम यह हुआ कि भाजपा 80 में से 73 सीटें यूपी से जीतकर न सिर्फ उसने बहुमत हासिल किया, बल्कि ऐतिहासिक बहुमत से मोदी प्रधानमंत्री बने और माना गया कि आम जनता में हिंदूवाद का जादू सिर चढ़कर बोला है।

कैराना में भाजपा की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे हुकुम सिंह की मौत के बाद उस सीट से उनकी बेटी मृगांका सिंह चुनाव लड़ रही हैं और चुनाव परिणामों में लगभग हार चुकी हैं।

कैराना लोकसभा के उपचुनाव में आधा दर्जन से अधिक मंत्री लगा देने वाली भाजपा को जब कैराना की जीत की उम्मीद नहीं बंधी तो प्रधानमंत्री मोदी खुद उद्घाटन के बहाने वोट जुटाने पहुंचे, पर मोदी की यह तरकीब भी काम न आई।

वहीं झारखंड की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत हासिल की है। सिल्‍ली में झामुमो की सीमा देवी ने ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के सुदेश महतो को 13510 मताें से हराया, तो गोमिया में भी झामुमो प्रत्‍याशी बबिता देवी ने आजसू प्रत्‍याशी लंबोदर महतो को शिकस्त दी। भाजपा यहां दूसरा नंबर तक बरकरार नहीं रख पाई।

झामुमो को उपचुनाव में मिली बड़ी जीत पर हेमंत सोरेन ने कहा कि गोमिया और सिल्ली में लोकतंत्र जीता है। षड्यंत्र हारा, सहनशीलता जीती, अहंकार हारा। अब सीएम रघुवर दास को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

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