Lockdown का पॉजिटिव असर, पंजाब में हजारों नशेड़ियों ने किया 'नशा मुक्ति केंद्रों' का रुख

Update: 2020-04-10 09:17 GMT

पुलिस ने पंजाब में जबरदस्त तरीके से कर्फ्यू लगा रखा है। इस वजह से सारी गतिविधियां बंद हो गयी है। तस्कर भी एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा सकते....

मनोज ठाकुर की रिपोर्ट

जनज्वारः पंजाब में लॉकडाउन लगाया तो था कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए। लेकिन कर्फ्यू से नशा तस्करों की सप्लाई चेन जरूर टूट रही है। तस्करों की गतिविधियों पर रोक लगी है। अब नशेड़ियों को नशा नहीं मिल रहा है। इस स्थिति को वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। परेशान नशेड़ी अब नशा मुक्ति केंद्र में खुद ही इलाज के लिए आ रहे हैं।

एक अनुमान के मुताबिक 23 मार्च से 15 अप्रैल तक पंजाब में निजी और सरकारी नश मुक्ति केंद्र में रोज करीब 830 नशेड़ी अपना रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। अलग अलग केंद्रों में 11, 633 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।

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पुलिस ने पंजाब में जबरदस्त तरीके से कर्फ्यू लगा रखा है। इस वजह से सारी गतिविधियां बंद हो गयी है। तस्कर भी एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा सकते। ऐसे में उन्हें पकड़े जाने का भी अंदेशा है। इसलिए इन दिनों उन्होंने अपनी मुवमेंट बंद कर दी है। अलग अलग सर्वे के मुताबिक पंजाब में नशा करने वालें की संख्या ढाई लाख के आस पास है।

पंजाब में पुलिस ने नशेड़ियों को नशा मुक्ति केंद्र में पंजीकरण कराने की सुविधा प्रदान कर रखी है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि गांव में सरपंचों के माध्यम से नशा करने वाले नशा मदद मांग रहे हैं। वह पुलिस और हेल्थ विभाग से संपर्क कर रहे हैं। जिससे उन्हें इलाज मिल सके।

पंजाब में नशा एक बड़ी समस्या बना हुआ है। इस बार के विधानसभा चुनाव में तो नशा एक बड़ा मुद्दा था। कांग्रेस सरकार ने पंजाब को नशा मुक्त करने का वायदा भी किया था। लेकिन सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी नशे का नेटवर्क नहीं टूट रहा था। इस वजह से पुलिस भी खासी परेशान थी।

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पुलिस का मानना है कि यह अच्छी बात है कि नशा करने वाले खुद नशा छोड़ने के लिए आगे आ रहे हैं। निश्चित ही इससे नशा करने वाले दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी। पंजाब के लिए यह सुखद बात है।

शा मुक्ति केंद्र चला रहे स्वयं सेवक गुरबाज सिंह ने बताया कि उनके पास युवा काफी संख्या में आ रहे हैं। नशे के बिना उनकी तबीयत खराब हो गयी थी। वह बिना नशे के रह नहीं पा रहे थे। इस वजह से जब उनके सामने कोई चारा नहीं बचा तो वह केंद्र में आये। हम उन्हें बेहतर चिकित्सा मदद दे रहे हैं। इसके साथ ही उनकी काउसलिंग भी की जा रही है। जिससे वह नशे को सदा के लिए छोड़ दे। उन्होंने बताया कि उम्मीद है कि कोरोना वायरस पंजाब में नशा मुक्त के लिए एक बड़ा कारण साबित हो जाय। यदि ऐसा होता है तो यह पंजाब के लिए बहुत बड़ी बात होगी।

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