अवध यूनिवर्सिटी में M.Ed छात्रा को मिले 1200 में से 1209 मार्क्स

Update: 2019-11-19 15:26 GMT

महिमा द्विवेदी की मार्कशीट में M.Ed फर्स्ट ईयर में ही ब्लंडर मिस्टेक हो चुकी थी, मगर इस तरफ नहीं जाता जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान, प्रिसिपल कहते हैं एक साथ आते हैं कई अंकपत्र तो नहीं जाता इस तरफ कोई ध्यान...

जनज्वार।कहा जाता है कि शिक्षक एक बच्चे के भविष्य का निर्माता होता है और उससे किसी तरह की गलतियां होना लगभग असंभव होती हैं । गुरु को कबीर ने भगवान से भी बड़ी उपाधि दी है, यानी ज्ञान की ज्योति जलाने वाला शिक्षक ही होता है, मगर अब शिक्षा का पेशा भी दिन-ब-​​दिन अविश्वनीय और बाजार में तब्दील होता जा रहा है। ऐसी ऐसी घटनायें सामने आ रही हैं कि सिवाय बाजार के शिक्षा कुछ नजर नहीं आती और गड़बड़ियां तो यहां इतनी भयानक होती हैं कि उन्हें अक्षम्य की श्रेणी में रखना उचित होगा।

शिक्षक पेशे और विश्वविद्यालयों की विश्वसनीयता को शर्मसार करने वाला एक ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश की अवध यूनिवर्सिटी में। अवध यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले संत तुलसीदास पीजी कॉलेज कादीपुर सुल्तानपुर से साल 2018 में रोल नंबर 1980511 के अन्तर्गत पंजीकृत M.Ed सेकंड ईयर की स्टूडेंट महिमा द्विवेदी को पूर्णाक 1200 अंक में प्राप्तांक 1209 दिये गये हैं। यह मार्कशीट छात्रा को 16 जुलाई 2019 को जारी भी कर दी गई थी।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही महिमा द्विवेदी की मार्कशीट के अनुसार उसने M.Ed फर्स्ट ईयर में पूर्णाक 600 में 761 अंक प्राप्त किये थे और M.Ed सेकंड ईयर में पूर्णाक 600 में 448 अंक प्राप्त किए। यहीं नहीं कॉलेज द्वारा जारी की गई मार्कशीट में सम्बन्धित महाविद्यालय प्राचार्य के हस्ताक्षर भी नजर आ रहे हैं।

हिमा द्विवेदी की मार्कशीट में M.Ed फर्स्ट ईयर में ही ब्लंडर मिस्टेक हो चुकी थी, मगर विश्वविद्यालय प्रशासन का इसपर कोई ध्यान नहीं जाता। सवाल है कि आखिर ​जिम्मेदार लोग इतनी बड़ी गलतियां कैसे होने दे सकते हैं।

स दौरान न तो विश्वविद्यालय और ना ही संबंधित कॉलेज के जिम्मेदार लोगों की नजर इस पर पड़ी। इस संबंध में संत तुलसीदास पीजी कालेज के प्रिंसिपल जितेन्द्र तिवारी कहते हैं, सोशल मीडिया के माध्यम से ही मुझे भी इस प्रकरण की जानकारी मिली है। एक साथ विश्वविद्यालय से कई अंकपंत्र आते हैं, ऐसे में कई बार साइन करते समय सभी को चेक कर पाना संभव नहीं होता, इसलिए ऐसी गलती हो गयी।

हीं इस संबंध में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक उमानाथ कहते हैं, छात्रा की मार्कशीट में सुधार करवाकर इसकी दूसरी प्रति छात्रा तक पहुंचाई जाएगी और इसके निर्देश भी जारी कर दिये गये हैं।

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