मदरसा शिक्षक ने नहीं बोला 'जय श्रीराम' तो चलती ट्रेन से दे दिया धक्का

Update: 2019-06-26 16:51 GMT

शाहरुख हलदर ने शिकायत दर्ज कराई है कि 'जय श्रीराम' नहीं बोलने की वजह से कुछ लोगों ने उसे पहले तो बहुत पीटा और फिर बाद में चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। किसी तरह उसकी जान बच गयी...

जनज्वार। झारखंड में मुस्लिम युवक से जबर्दस्ती उससे जय श्रीराम और जय हनुमान के नारे लगवा उसे मॉब लिंचिंग में जान से मार दिये जाने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि ऐसी ही एक घटना बंगाल में सामने आयी है। यहां एक मदरसा शिक्षक ने जय श्रीराम नहीं बोला तो पहले उसे खूब पीटा गया और फिर चलती ट्रेन से धक्का दे दिया गया।

जानकारी के ​मुताबिक पश्चिम बंगाल के एक मदरसे में शिक्षक ने हफीज मोहम्मद शाहरुख हलदर ने शिकायत दर्ज कराई है कि 'जय श्रीराम' नहीं बोलने की वजह से कुछ लोगों ने उसे पहले तो बहुत पीटा और फिर बाद में चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। किसी तरह उसकी जान बच गयी। जीआरपी के एक अधिकारी को हफीज मोहम्मद शाहरुख हलदर ने यह जानकारी 25 जून की सुबह दी।

गौरतलब है कि जय श्रीराम के नाम पर मुस्लिम उत्पीड़न की यह घटना झारखंड की उस घटना के सिर्फ दो दिन बाद सामने आयी है, जिसमें 22 साल तबरेज अंसारी को भीड़ ने लगातार 18 घंटे तक पोल से बांधकर पीटने के बाद 'जय श्रीराम' और 'जय हनुमान' कहने को मजबूर किया, बाद में तबरेज की मौत हो गई।

संबंधित फोटो : मुस्लिम युवक को पोल पर बांध बेरहमी से पीटा, जबरन लगवाये जय श्रीराम के नारे, इलाज के दौरान हुई मौत

दूसरी घटना में पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जनपद के 26 वर्षीय मदरसा शिक्षक हफीज मोहम्मद शाहरुख हलदर ने शिक्षक दर्ज करायी है कि उन पर 20 जून को कुछ धर्म विशेष के अतिवादियों ने हमला तब किया जब वह ट्रेन से कैनिंग से हुगली जा रहे थे।

जीआरपी अधिकारी के पास इस मुस्लिम युवा ने जो शिकायत दर्ज करायी है उसी के मुताबिक, पीड़ित युवा हलदर ने बताया कि लोगों का समूह उसके पास आया और उसे 'जय श्रीराम' बोलने के लिए कहा। जब उसने जय श्रीराम बोलने से मना किया तो इन लोगों ने उसे पीटना शुरू कर दिया। यह घटना उस समय घटी जब ट्रेन पार्क सर्कस स्टेशन में दाखिल हो रही थी, उसी समय जय श्रीराम न बोलने से गुस्साये लोगों ने हलदर को चलती ट्रेन से धक्का ​दे दिया, जिसमें उसकी आंख और हाथ पर चोट आई। इस मामले में हलदर ने 24 जून को बालीगंज जीआरपीएस में अज्ञात लोगों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा कि जय श्रीराम न बोलने पर कुछ लोगों ने उसे जान से मारने की कोशिश की।

झारखंड के जघन्य मॉब लिंचिंग कांड पर पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने भी जुबान खोली है।राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का राज्यसभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 'झारखंड में हुई मॉब लिंचिंग की घटना से मुझे दुख हुआ है। इससे दूसरों को भी दुख पहुंचा होगा, लेकिन कुछ लोगों ने राज्यसभा में झारखंड को लिंचिंग का हब कहा था। क्या यह सही है? वे एक प्रदेश का अपमान क्यों कर रहे हैं। एक मॉब लिंचिंग की घटना के बाद पूरे झारखंड को बदनाम करने का अधिकार हमारे पास नहीं है। दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।'

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