11 सीटों पर होने वाले उपचुनावों में बसपा लड़ेगी अकेले, गठबंधन टूटने के संकेत!

Update: 2019-06-03 14:28 GMT

मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को गठबंधन पर निर्भर रहने के बजाय अपना संगठन मजबूत करने का निर्देश दिया है। साथ ही मायावती ने यह भी संकेत दिया है कि आगामी उपचुनाव वह गठबंधन के साथ नहीं लड़ेंगी….

जनज्वार। लोकसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के बाद बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी का गठबंधन टूटने का संकेत आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने कर दिया है।

अपने कार्यकर्ताओं को मायावती ने इशारा कर दिया है कि वह गठबंधन पर निर्भर न रहें। उपचुनावों में वह अकेले अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारेंगी।

लोकसभा चुनाव में बसपा के निराशाजनक प्रदर्शन के लिए गठबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों से गठबंधन पर निर्भर रहने के बजाय अपना संगठन मजबूत करने का निर्देश दिया है। साथ ही मायावती ने यह भी संकेत दिया है कि आगामी उपचुनाव वह गठबंधन के साथ नहीं लड़ेंगी।

लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा के लिये मायावती ने आज 3 जून को उत्तर प्रदेश के पार्टी पदाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बैठक लेते हुए कहा कि बसपा को जिन सीटों पर कामयाबी मिली उसमें सिर्फ बसपा के परंपरागत वोटबैंक का ही योगदान रहा है।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक मायावती का मानना है कि लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद बसपा के फेवर में यादव वोट शिफ्ट नहीं हुए हैं।

दिल्ली स्थित बसपा कार्यालय में हुई बैठक में बसपा उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आरएस कुशवाहा, पार्टी के सभी विधायकों, नवनिर्वाचित सांसदों, प्रदेश के सभी जोनल कोऑर्डिनेटर के अलावा जिला अध्यक्षों को भी बुलाया गया था। हालांकि समीक्षा बैठक में मायावती ने लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के लिये गठित की गयी भाईचारा समितियों को आगे भी काम करते रहने को कहा है। गौरतलब है कि बसपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान बहुजन समाज और पिछड़े वर्गों को चुनाव में एकजुट करने के लिये भाईचारा समितियां गठित की गई थीं।

जिन 10 सीटों पर बसपा ने इस बार जीत दर्ज की है वहां ​सपा पिछले लोकसभा चुनावों में दूसरे स्थान पर थी, इसी कारण समाजवादी पार्टी को असफलता मिली है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मायावती अपने मतमुताबिक सीटें ली थीं और गठबंधन को बनाये रखने की मजबूरी में अखिलेश को यह सीटें बसपा को देनी पड़ी थीं।

इससे पहले लोकसभा चुनाव में बसपा के खराब प्रदर्शन की गाज कई लोगों पर गिर चुकी है। मायावती ने शनिवार 1 जून को हुई बैठक में मध्य प्रदेश और दिल्ली के बसपा अध्यक्षों सहित छह राज्यों के पार्टी प्रभारियों को उनके पदों से हटा दिया है।

पिछले 3—4 दिन से बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार पार्टी की हाल के कारणों की समीक्षा बैठक कर रही हैं।

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