हेयर ट्रांसप्लांट कराने में सिर में सूजन के बाद एनआरआई ने खोई आंख और डॉक्टर कहता रहा कुछ नहीं होगा

Update: 2018-02-22 21:23 GMT

तारिक खुसरो ने कहा नहीं हुई आरोपी डॉक्टर इशरतउल्लाह खान पर कोई कार्रवाई....

जनज्वार। '100 प्रतिशत हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी एंड नो साइड इफैक्ट' कुछ ऐसा ही विज्ञापन जारी करता हैदराबाद का डॉ. खान। जिसके चक्कर में न जाने कितने लोग फंसते होंगे। विज्ञापन को देखकर हेयर ट्रांसप्लांट करवा सुंदर दिखने का लालच एनआरआई तारिक खुसरो भी नहीं रोक पाए, जिसका भुगतान उन्हें आंख गंवाकर और लंबी शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलकर चुकानी पड़ी। बाल उगाने का इलाज शुरू करने के साथ ही उनका सिर सूजना शुरू हो गया था, पर डॉक्टर कहता रहा कि कुछ नहीं होगा, और आज वो आंख गंवाने के साथ—साथ नौकरी से भी हाथ धो चुके हैं।

यह घटना है वर्ष 2016 की, अब इस घटना का जिक्र इसलिए क्योंकि अभी तक अपराधी डॉक्टर के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है और वह खुलेआम प्रेक्टिस कर रहा है। जब इसकी शिकायत पीड़ित तारिक खुसरो ने दोबारा की, तो दो साल पुराना मामला सुर्खियों में है। हालांकि तेलंगाना स्टेट मेडिकल काउंसिल ने उसका डॉ. खान को दोषी पाते हुए दो साल के लिए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया है, मगर अभी तक उस पर कोई खास अमल नहीं हुआ है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक डॉ. खान की प्रेक्टिस जारी है।

न्यूज एजेंसी ने तारिक के हवाले से ट्वीट किया है, 'वर्ष 2016 में जब मैं भारत आया तब मैं हेयर ट्रांसप्लांट के लिए हैदराबाद में डॉ. खान से मिला था। उन्होंने हेयर ट्रासप्लांट किया। उपचार के बाद मेरा सिर सूज गया और मैं 26 दिनों के लिए बहुत सीरियस हालत में अस्पताल में एडमिट रहा और लंबे समय तक इलाज करवाया। इस मामले में राज्य चिकित्सा परिषद ने 2 साल की प्रेक्टिस के लिए डॉक्टर खान के लाइसेंस को रद्द कर दिया और उसके खिलाफ एक मामला भी दर्ज किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है।'

चूंकि मामला हैदराबाद से जुड़ा है, तो अब इसके लिए वहीं के शासन—प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। तेलंगाना मेडिकल काउंसिल के राज्य सचिव रवि शंकर इस मुद्दे पर कहते हैं, इस मामले में डॉक्टर एमबीबीएस था, लेकिन वह बाल प्रत्यारोपण कर रहा था जिसका उसके पास कोई लाइसेंस नहीं था। पहले से ही उसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है, लेकिन अगर वह अभी भी प्रेक्टिस कर रहा है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।'

घटनाक्रम के मुताबिक एनआरआई तारिक खुसरो जुलाई 2016 में छुट्टियों पर हैदराबाद में थे। डॉ. खान के हेयर ट्रांसप्लांट सेंटर का विज्ञापन देखा और इसके साथ दी गई रिकमेंडेशन्स पढ़ी, तो सऊदी अरब लौटने से पहले हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के निर्णय लिया।

स्मार्ट बनने की चाहत के साथ तारिक बालों का प्रत्यारोपण करवाने पहुंचे, मगर शायद उन्हें इस बात का दूर—दूर तक अंदाजा भी नहीं होगा कि डॉ. खान बालों के नाम पर उनके एक आंख की बलि ले लेंगे और तारिक को अपनी नौकरी से भी हाथ धोने पड़ेंगे। हेयर ट्रांसप्लांट के तुरंत बाद ही तारिक को लाइफ थ्रेटनिंग कॉम्प्लीकेशन्स हो गया।

हेयर ट्रांसप्लांट के बाद तारिक के सिर में सूजन आ गई, जिसे दिखाने पर डॉ. खान मामूली साइड इफेक्ट कहते हुए टालते रहे, मगर जब परेशानी ज्यादा बढ़ी तो तारिक ने दूसरे डॉक्टर को दिखाया जिसमें लाइफ थ्रेटनिंग कॉम्प्लीकेशंस की पुष्टि हुई और अंत में उनकी दाईं आंख इसकी भेंट चढ़ गई।

डॉ. खान का शिकार बने तारिक कहते हैं मैं अभी तक इस सदमे से उबर नहीं पाया हूं। इसके बाद मेरी नौकरी भी चली गई, मैं घर में कैद होकर रह गया हूं। महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहने और दस सर्जरी कराने के बाद भी मुझे आज भी अस्पताल के चक्कर लगाते पड़ते हैं।

गौरतलब है कि इस मसले में 10 जनवरी 2018 को दिए गए एक आदेश में तेलंगाना स्टेट मेडिकल काउंसिल ने हेयर ट्रांसप्लांट करने वाले डॉ. इशरतउल्लाह खान को लापरवाही का दोषी पाया था और इसके लिए काउंसिल ने दो साल के लिए डॉक्टर का लाइसेंस रद्द कर दिया। इसके साथ ही डॉक्टर को हेयर ट्रांसप्लांट करने से तब तक के लिए रोक दिया गया है, जब तक वह उचित योग्यता प्राप्त न कर लें और काउंसिल में पंजीकृत न करा लें।

तारिक उस वक्त को याद करते हुए बताते हैं, हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के 12 घंटों के भीतर ही मुझे प्रोब्लम होनी शुरू हो गई थीं। सर्जरी वाले दिन यानी 26 जुलाई 2016 को ही मेरे सिर और आंखों में सूजन आ गई थी, मगर डॉ. इशरतउल्ला ने कहा कि मुझे इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए, यह अपने आप ठीक हो जाएगी। मगर जब रात को मुझसे ठीक से खाना तक नहीं खाया गया, सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो सुबह अस्पताल पहुंचा।

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