मोदी के मंत्री ने कहा एक—दो बलात्कार नहीं कोई बड़ी बात

Update: 2018-04-22 11:05 GMT

बलात्कार जैसे मसले पर इतना असंवेदनशील बयान करता है कई सवाल खड़े, मंत्री जी के लिए बलात्कार के बाद हत्या है आम, नहीं लगता कोई बड़ा मुद्दा

दिल्ली, जनज्वार। मोदी सरकार ने जहां एक तरफ कल 21 अप्रैल को बलात्कार पर मौत की सजा को अपनी कैबिनेट में मंजूरी देते अध्यादेश लाने का फैसला किया है, वहीं उनके मंत्री ही उनके किए कराए पर पलीता लगाने में लगे हैं।

ताजा मामला जुड़ा है केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से, जिन्हें लगता है कि देश में रोजाना 1—2 बलात्कार तो वैसे ही है जैसे सांस लेना। क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से बयान दिया है कि  इतने बड़े देश में बलात्कार की 1-2 घटना हो जाए तो बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए, ये तो आम है।

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गौरतलब है कि उन्नाव, कठुआ, सूरत और इंदौर की घटनाओं के बाद बलात्कारियों को फांसी देने की मांग को लेकर पूरा देश आंदोलित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल को अपने विदेश दौरे से लौटते ही कैबिनेट की बैठक बुला इस पर अध्यादेश लाने का फैसला किया था। मगर उनके मंत्री इतने संवेदनशील मुद्दे पर ऐसी उल—जुलूल बयानबाजी कर उन्हीं को कठघरे में खड़ा करने का काम कर रहे हैं।

मंत्री जी के हिसाब से देखें तो बलात्कार चूंकि देश में आम बात है तो इसके लिए कोई कानून लाने की जरूरत नहीं है।

गंगवार ने अपने बयान में कहा कि, बलात्कार की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं, मगर कभी-कभी इन्हें रोका नहीं जा सकता है। हमारी सरकार सब जगह सक्रिय होकर कार्रवाई कर रही है। इतने बड़े देश में बलात्कार की 1-2 घटना हो जाए तो इस बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए।

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गौरतलब है कि कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुए वीभत्स बलात्कार और नृशंस तरीके से हुई हत्या से पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। मगर बीजेपी प्रायोजित मीडिया और सोशल मीडिया पर बीजेपी इस बात का अभी भी जोर—शोर से प्रचार करने में लगी है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ ही नहीं था, जबकि फोरेंसिक रिपोर्ट खुलासा कर चुकी है कि बच्ची से मंदिर में ही गैंगरेप हुआ था। इसके पर्याप्त साक्ष्य भी मिल चुके हैं।

ऐसे में बीजेपी मंत्री का ऐसा बेतुका बयान उन्हें उन्हीं भाजपा नेताओं की पंक्ति में खड़ा कर देता है, जिन्होंने जम्मू कश्मीर में बलात्कारियों के समर्थन में निकली रैली में हिस्सा लिया था।

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दूसरी तरफ 2012 में दिल्ली में हुए गैंगरेप पीड़िता निर्भया की मां जिसकी बलात्कार के बाद मौत हो गई थी, की मां आशा देवी ने पॉक्सो ऐक्ट में संशोधन के लिए अध्यादेश के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए सवाल भी उठाया है कि 12 साल से कम उम्र की नाबालिग रेप पीड़ितों के लिए एक अच्छा कदम है, पर उनका क्या जिनकी उम्र ज्यादा है? रेप से बड़ा जघन्य अपराध दूसरा नहीं होता, इससे बड़ा दर्द नहीं होता। हर रेपिस्ट को फांसी की सजा होनी चाहिए।

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