विश्व सुंदरी का सपना छोड़ कोरोना से जंग में उतरी भाषा मुखर्जी, जनता ने कहा संबित पात्रा कुछ सीखो

भाषा मुखर्जी को 2019 में मिस इंगलैंड का ताज मिला था, लेकिन भाषा मुखर्जी पेशे से एक डॉक्टर भी हैं. उन्होने फ़िलहाल मिस इंगलैंड का अपना ताज उतार कर रख दिया है और कोरोना वायरस से जूझते इंगलैंड में डॉक्टर के तौर पर अपनी ज़िम्मेदारी संभाल ली है...

Update: 2020-04-07 09:03 GMT

जनज्वार। भाषा मुखर्जी ने दिसंबर 20019 यानि कुछ ही महीने पहले यह तय किया था कि वो डॉक्टरी के अपने पेशे से ब्रेक लेंगी और मॉडलिंग कैरियर को आगे बढ़ाएंगी. लेकिन कोरोना वायरस महामारी के संकट में उन्होने अपनी मॉडलिंग की महत्वाकांक्षा को पीछे कर दिया है और डॉक्टर होने के फ़र्ज को सामने रखा है.

मिस इंगलैंड बनने के बाद भाषा मुखर्जी को कई देशों में चैरिटी के काम के लिए न्यौता दिया गया था. वो पिछले महीने ही भारत में थीं. 24 साल की भाषा मुखर्जी ने अपने भारत प्रवास के दौरान कई स्कूलों का दौरा किया था. यहां पर उन्होने छात्रों को किताबें और दूसरी पढ़ाई लिखाई की सामग्री डोनेट की थी. इसके अलावा भाषा तुर्की, अफ्रीका और पाकिस्तान भी गई थीं.

भाषा मुखर्जी जब दुनिया के अलग अलग देश घूम रही थीं तो उधर उनके अपने देश इंगलैंड में कोरोना महामारी विकराल हो रही थी. उसे लगातार अपने डॉक्टर दोस्तों से वहां की हालत के बारे में मैसेज मिल रहे थे. इसके बाद मुखर्जी ने उस अस्पताल से संपर्क किया जहां वो पहले काम कर रही थीं. उन्होने अस्पताल को बताया कि वो डॉक्टर के तौर पर काम पर लौटना चाहती हैं.

भाषा मुखर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बेशक वो मिस इंगलैंड के तौर पर इंसानियत के लिए ही काम कर रही थीं. लेकिन जब दुनिया भर में लोग कोरोना वायरस से मर रहे हैं और उनके डॉक्टर साथी इतनी मेहनत कर रहे हैं, उनका ताज पहन कर घूमना शायद सही नहीं होगा. भाषा मुखर्जी तब 9 साल की थीं जब वो इंगलैंड आई थीं. उन्होने अपनी पढ़ाई लिखाई इसी देश में की है.

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