सूखाताल से रिचार्ज होगी नैनी झील

Update: 2017-07-04 11:50 GMT

नैनीताल। नैनीताल झील को बचाने के लिये प्रशासन की ओर से कि जा रही कोशिशों में अतिक्रमणकारी बहुत बड़ी बाधा बन रहे हैं लेकिन यह अतिक्रमण नैनी झील में नहीं बल्कि सूखाताल में हुआ है। सूखाताल से पानी भूमिगत होकर नैनी झील को रिचार्ज करता है। यह ताल बारिश के दिनों में लबालब भर जाता है।

सूखाताल नैनी झील का जीवनदायिनी स्रोत है। इसी झील के पानी से नैनी झील रिजार्च होती है। सूखाताल में वर्षा के बाद लगातार पानी से भर रहा है। झील धीरे-धीरे अपना आकार ले रही है। यदि इस बार अच्छी वर्षा हुई तो झील अगस्त तक अपना पूरा आकार ले लेगी। ऐसी स्थिति में पूर्व की भांति डूब क्षेत्र में आये अतिक्रमण वाले भवन जद में आ सकते है। इन दिनों हो रही वर्षा के कारण भर रही झील को देख अतिक्रमणकारियों में धुक-धुक शुरू हो गई है। इस बार हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद डूब क्षेत्र से पानी की निकासी भी नहीं होगी।

मालूम हो कि सूखाताल के डूब क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के आदेश हाई कोर्ट ने भी दिये हैं। लेकिन यह अतिक्रमण अभी तक नहीं हटा। भू वैज्ञानिकों के मुताबिक सूखाताल झील से पानी भूमिगत होकर नैनी झील को रिचार्ज करता है। सूखाताल अक्टूबर माह तक लबालब रहती है। जिससे नैनी झील को वर्ष भर पानी की आपूर्ति होती है।

इधर मानसून शुरू होने के बाद सूखाताल डूब क्षेत्र में पानी भरने का सिलसिला शुरू हो गया है। यदि इस बार भारी बरसात हुई तो झील अगस्त माह तक अपना पूरा आकार ले सकती है। अब जबकि जल निकासी में रोक है तो वहां स्थिति लगभग दो दर्जन भवनों में रह रहे लोगों में झील में पानी भरने के साथ ही बैचनी बढ़ रही है। झील जब पूरा आकार लेगी तो वहां रह रहे लोगों को खतरा भी पैदा हो सकता है।

डॉ. बहादुर सिंह कोटलिया, भूगर्भशास्त्री विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नैनीताल के मुताबिक सूखाताल क्षेत्र नैनीताल झील का प्रमुख जलागम क्षेत्र है। यह जलागम क्षेत्र नैनी झील को 40 प्रतिशत भूमिगत पानी से रिचार्ज करते हैं। सूखाताल बरसात के दौरान भरती है। जिसको जल स्रोतों के माध्यम से नैनी झील को रिर्चाज करता है। यदि अन्य वर्षों की तरह पानी निकाला गया तो इसका सीधा प्रभाव नैनी झील व अन्य धाराओं में पड़ेगा। लिहाजा प्राकृतिक रूप से छेड़छाड़ करना घातक हो सकता है।

मिलीभगत से हो रहे अवैध निर्माण

झील विकास प्राधिकरण परिक्षेत्र में ग्रीन बेल्ट में प्रतिबंध के बावजूद नैनीताल के कई स्थानों में प्राधिकरण के लोगों की मिली भगत से गुपचुप तरीके से भवन निर्माण किये जा रहे हैं। सूखाताल में इन दिनों तिरपाल लगा कर भवन निर्माण किया जा रहा है। यह भी सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि परिक्षेत्र में और भी अवैध निर्माण किये जा रहे हैं।

पिछले दिनों प्राधिकरण द्वारा अभियान चला कर अवैध निर्माणों पर भी हथौड़ा चलाया। इसके बावजूद कई स्थानों में भवन निर्माण गुपचुप तरीके से हो रहे है। निर्माण की पुष्टि इस बात से भी हो जाती है कि प्रतिबंध के बावजूद हल्द्वानी व कालाढूंगी से हर रोज निर्माण सामग्री लेकर दर्जनों पिकप शहर पहुंच रहे हैं।

मालूम हो कि प्राधिकरण सचिव श्रीश कुमार ने इस मामले में गम्भीरता दिखाते हुए स्वयं निरीक्षण करने की शुरुआत की। बीते माह उन्होंने पालिका ग्रीन बेल्ट में चोरी-चोरी बनाये जा रहे चार भवनों की ध्वस्त करते हुए इस बात की भी स्पष्ट कर दिया कि इस निर्माण में प्राधिकरण के जेई व अन्य फील्ड कर्मी भी संलिप्त है। शहर के ग्रीन बेल्ट व डेंजर जोन में नक्शा पास नहीं होने के बाद निर्माणकर्ताओं में इतना साहस हो गया है कि वह प्रशासन, प्राधिकरण व यहां तक हाई कोर्ट के आदेशों की भी परवाह नहीं कर रहे हैं।

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