योगी जी गैंगरेप पीड़ित बच्ची 3 दिन से कर रही है मेडिकल परीक्षण का इंतजार

Update: 2018-01-16 18:52 GMT

गाजियाबाद में 13 जनवरी को गैंगरेप का शिकार हुई नाबालिग बच्ची का नहीं हो पाया मेडिकल परीक्षण, सरकारी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है कोई डॉक्टर...

गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश। रेप की घटनाएं इस तादाद में हो रही हैं कि समझ में नहीं आ रहा है कि किन मानसिक विक्षिप्तों के देश में जी रहे हैं हम। तीन दिन पहले भी एक 13 साल की बच्ची के साथ दरिंदों ने गैंगरेप किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बड़े—बड़े मंचों से भयमुक्त और अपराधमुक्त उत्तर प्रदेश् के तमाम दावे करते हैं, मगर असलियत यह है कि 4 दिन पहले गैंगरेप की शिकार हुई 13 वर्षीय बच्ची का मेडिकल परीक्षण तक नहीं हो पाया है। ऐसे संवेदनशील मसले पर भी डॉक्टर के न होने को बहाना बनाकर अभी तक गैंगरेप पीड़ित बच्ची का मेडिकल न होना हमारी व्यवस्था पर तमाम प्रश्नचिंह लगाती है।

बच्ची को मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाया गया, मगर प्रशासनिक लापरवाही का इससे बड़ा नमूना और क्या हो सकता है कि तीन दिन बाद भी उसका मेडिकल इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि अस्पताल में कोई डॉक्टर ही उपलब्ध नहीं है। वैसे तो देशभर के सरकारी अस्पतालों की हालत काफी बदतर है, मगर यूपी की हालत तो बद से भी बदतर है। इसका जीता—जागता उदाहरण गाजियाबाद का सरकारी अस्पताल है, जहां डॉक्टर ही नहीं हैं।

पीड़िता के परिजन जहां बच्ची के साथ हुए गैंगरेप से परेशान हैं, वहीं प्रशासनिक के इस रुख ने उन्हें और तोड़कर रख दिया है। हालांकि पुलिस ने इस मामले में बच्ची का बलात्कार करने वाले दो नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। अपराधी लड़कों पर आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

मगर इस संवेदनहीनता का क्या जवाब है कि अब तक डॉक्टरों के न होने से उसका मेडिकल तक नहीं हो पाया है। क्या एक बलात्कार पीड़िता का मेडिकल इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि सरकारी अस्पताल में डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे, क्या प्रशासनिक स्तर पर कहीं और से डॉक्टर बुलवा या पीड़िता को कहीं और ले जाकर उसका मेडिकल नहीं करवाना चाहिए था।

जानकारी के मुताबिक तीन दिन पहले 13 जनवरी को बच्ची उस समय गैंगरेप का शिकार हो गई जब वह अपने पड़ोस के दो बच्चों के साथ खेल रही थी। खेलते—खेलते दो लड़के उसे एकांत में ले गए और वहां जबरन उसका बलात्कार किया। इतना ही नहीं उन्होंने पीड़ित लड़की को धमकाया कि वह इस बारे में किसी को न बताए, मगर लड़की की हालत देखकर जब परिजनों ने उससे पूछा तो उसने घटना के बारे में अपने मां—पिता को बता दिया।

बलत्कृत बच्ची के पिता की शिकायत पर पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की। इस मसले पर साहिबाबाद के वरिष्ठ उप निरीक्षक जितेन्द्र सिंह कहते हैं, गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों के नहीं होने के कारण अभी भी पीड़ित बच्ची का मेडिकल परीक्षण नहीं हो पाया है।

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