बेटी बचाने की बजाए खट्टर सरकार बलात्कारियों को संरक्षण देने में है व्यस्त
वर्ष 2015 से 2018 तक हरियाणा में बलात्कार की वारदात 961 से बढ़कर 1413, छेड़छाड़ की घटनाएं 1833 से बढ़कर 2380 और अपहरण की घटनायें 1644 से बढ़कर 3494 हो गयी हैं, बेटी बचाने की बजाए यह सरकार बलात्कार के अपराधियों और आरोपियों को संरक्षण देने में व्यस्त रही है...
हरियाणा। हरियाणा विधानसभा चुनाव में एक नए विकल्प के रूप में उभरी स्वराज इंडिया ने सोमवार 26 अगस्त को चंडीगढ़ स्थित प्रेस क्लब में अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी। पार्टी की दूसरी सूची में 8 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई है। इनमें ज्यादातर प्रत्याशी ऐसे हैं, जो सार्वजनिक जीवन में जनहित के लिए योगदान देते रहे हैं और ज़मीनी संघर्ष के लिए जाने जाते हैं।
प्रत्याशियों में पंचकूला सीट से मधु आनंद को टिकट दिया गया है, जिन्होंने बहुचर्चित रुचिका यौन शोषण मामले में डीजीपी एसपीएस राठौड़ के खिलाफ लंबी न्याय की लड़ाई लड़ी। साथ ही युवा सामाजिक कार्यकर्ता तेजपाल को भी टिकट मिला है, जिन्होंने नारनौल क्षेत्र में अवैध स्टोन क्रेशरों के खिलाफ ज़मीनी संघर्ष करके इन्हें बंद करवाया।
पार्टी के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष राजीव गोदारा ने बताया कि इस घोषणा के साथ ही स्वराज इंडिया ने कुल 18 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। युवा एवं महिला भागीदारी के अपने वादों पर अब तक खरा उतरते हुए हमने 18 में से 5 महिलाएं और 7 युवाओं को टिकट दिया है।
बकौल राजीव गोदारा, स्वराज इंडिया ने पिछले कई दिनों से जनता के सरोकार से जुड़े मुद्दों पर मनोहर लाल खट्टर सरकार से सीधे सवाल पूछे हैं, लेकिन जनआशीर्वाद यात्रा के नाम पर हरियाणा भ्रमण कर रहे मुख्यमंत्री खट्टर इन मुद्दों पर सीधा जवाब देने की बजाए मनोहर कहानियां सुनाने में मशगूल हैं। बेरोज़गारी और महिला सुरक्षा पर सरकार के कामकाज के तथ्यों को प्रस्तुत करते हुए स्वराज इंडिया ने खट्टर सरकार को चेताया कि वो हरियाणा की जनता को अपने प्रचारतंत्र से गुमराह न करें।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि हरियाणा की खट्टर सरकार प्रदेश को बेरोज़गारी की गर्त में धकेलने के लिए ज़िम्मेदार है। अनेक सरकारी और गैर सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने प्रदेश में बेरोज़गारी की भयावह तस्वीर प्रस्तुत की। प्रदेश भर में डी ग्रुप की नौकरियों का ढिंढोरा पीटने वाली बीजेपी सरकार इस बड़े हक़ीक़त पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है कि हरियाणा प्रदेश में बेरोज़गारी की दर देशभर के बड़े राज्यों में सबसे अधिक है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकोनॉमी सीएमआईई द्वारा जनवरी 2019 से अप्रैल 2019 में बेरोज़गारी की स्थिति पर जारी रपट (https://unemploymentinindia.cmie.com/) के अनुसार जहाँ पूरे देश में बेरोज़गारी दर 6.9% थी वहीं हरियाणा में बेरोज़गारी की दर 20.5% थी जो कि अन्य किसी भी बड़े राज्य से अधिक थी। (परिशिष्ट 2) हरियाणा से अधिक बेरोज़गारी दर सिर्फ त्रिपुरा में थी। अगस्त 2019 के अंतिम सप्ताह तक भी यही स्थिति बरकरार है। ज्ञात रहे कि पिछले साल भारत सरकार के एनएसएसओ द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार भी हरियाणा में राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुना बेरोज़गारी थी।
भारत में बेरोज़गारी की स्थिति पर प्रकाशित होने वाली इस सबसे विश्वसनीय रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल के महीने में हरियाणा में कुल 19 लाख बेरोज़गार थे जिनमें से 16.14 लाख दसवीं पास थे और 3.88 लाख उच्च शिक्षा प्राप्त थे (ग्रेजुएट या ऊपर)। बेरोज़गारी की बुरी अवस्था का परिचायक यह भी है कि दसवीं या बारहवीं पास युवाओं में बेरोज़गारी दर 29.4% जैसे ऊंचे स्तर पर है। (परिशिष्ट 3) सबसे भयावह स्थिति 20 से 24 वर्ष के उन युवाओं में है जो पढ़ाई पूरी कर अब रोज़गार ढूंढ रहे हैं। इस वर्ग में 17 लाख में से 11 लाख युवा बेरोज़गार हैं और बेरोज़गारी की दर रिकॉर्ड तोड़ 64% है।
बीजेपी के हरियाणा विधानसभा 2014 के मेनिफेस्टो में वादा किया गया था कि "प्रदेश के रोजगार कार्यालयों की सूची में दर्ज बेरोजगार सभी युवक युवतियों को नौकरी या काम के बदले मानदेय दिया जाएगा और इस तरह बेरोज़गारों की सूची को रोजगार कार्यालयों से समाप्त कर दिया जाएगा।" लेकिन सच्चाई ठीक इसके विपरीत है जिस कारण से मुख्यमंत्री खट्टर जनता को गुमराह करने में लगे हैं।
हरियाणा सरकार इस कड़वी हक़ीक़त पर पर्दा डालने की कोशिश करती रही है कि आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के 15 जिलों में ही 15 लाख से अधिक बेरोज़गार थे। रोज़गार कार्यालय में पंजीकृत इन युवाओं में से मात्र 647 को रोज़गार मिला। इस गंभीर स्थिति पर कार्यवाई या सुधार करने की बजाए सरकार ने सूचना देने वाले अधिकारियों पर ही कार्यवाई कर दी। बाद में 26 फरवरी 2019 को विधानसभा में दावा किया कि पंजीकृत बेरोज़गारों की संख्या केवल 6.18 लाख है।
इनमें भी सरकार केवल 2461 युवाओं को ही काम दिलवा पाई थी। यानी कि आरटीआई सूचना की मानें या विधानसभा के जवाब को, यह स्पष्ट है कि खट्टर सरकार 1% युवाओं को भी रोज़गार नहीं दे पाई। इस कड़वी सच्चाई को ढकने के लिए हरियाणा सरकार ने ओला उबर और प्राइवेट गार्ड जैसी नौकरियों का भी श्रेय लेते हुए हास्यास्पद दावा किया कि 49000 बेरोज़गारों को नौकरी दिलवाई गयी हैं।
बेरोज़गारी के मोर्चे पर सरकार को निक्कमेपन के लिए आड़े हाथों लेते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि यह प्रदेश का दुर्भाग्य है कि हरियाणा के युवाओं को इनेलो सरकार की लूटखसोट और कांग्रेस के भ्रष्टाचार के बाद अब भाजपा सरकार की अकर्मण्यता का शिकार होना पड़ रहा है। यह एक क्रूर व्यंग है कि लाखों युवकों को बेरोज़गार करने वाली सरकार कुछ हजार नौकरियां देकर अपने पाप धोने का प्रयास कर रही है।
महिलाओं के सवाल पर खट्टर सरकार को घेरते हुए स्वराज इंडिया की प्रेसिडियम सदस्य शालिनी मालवीय ने कहा कि वर्ष 2015 से 2018 तक प्रदेश में बलात्कार के वारदात 961 से बढ़कर 1413, छेड़छाड़ की घटनाएं 1833 से बढ़कर 2380 और अपहरण की घटनायें 1644 से बढ़कर 3494 हो गए हैं। बेटी बचाने की बजाए यह सरकार बलात्कार के अपराधियों और आरोपियों को संरक्षण देने में व्यस्त रही है। जिस हरियाणा से बड़े तामझाम के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने "बेटी बचाओ" लांच किया, उसी प्रदेश में आज बेटी की स्थिति और सुरक्षा दयनीय अवस्था में है।
मुख्यमंत्री खट्टर के जन आशीर्वाद यात्रा में किये जा रहे दावों की पोल खोलने और जनसरोकार के मुद्दों पर सरकार की हक़ीक़त लोगों तक पहुंचाने के लिए स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव 1 सितंबर से जनसरोकार अभियान चलाएंगे।