CAA-NRC के खिलाफ संसद मार्च कर रहे जामिया के प्रदर्शनकारियों पर फिर से पुलिस लाठीचार्ज

Update: 2020-02-10 12:20 GMT

प्रदर्शनकारी 'कागज नहीं दिखाएंगे' और 'जब नहीं डरे हम गोरों से तो क्यों डरे हम औरों से' नारे लगा रहे थे, उनमें कई महिलाएं भी थीं शामिल...

जनज्वार। CAA-NRC के खिलाफ संसद मार्च कर रहे जामिया के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का तांडव एक बार फिर बरपा है। आज 10 फरवरी को संसद मार्च कर रहे जामिया के प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की खबरें आ रही हैं।

जानकारी के मुताकि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और जामिया नगर के लोगों समेत CAA-NRC के खिलाफ सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को संसद की ओर मार्च करने से पुलिस ने रोका। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों पर जोर-आजमाईश करते हुए उन पर लाठीचार्ज किया गया, जिसमें दर्जनों लोगों को चोटें आई हैं। सोशल मीडिया पर पुलिसिया लाठीचार्ज में घायल हुए जामिया के छात्रों और अन्य प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें और वीडियो लगातार वायरल हो रही हैं।

गौरतलब है कि जामिया समन्वय समिति (JCC) के नेतृत्व में जामिया के छात्रों और पूर्व छात्रों समेत सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने रैली निकालने की कोशिश की थी। ये प्रदर्शनकारी संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के खिलाफ संसद की ओर मार्च निकालने वाले थे, जबकि पुलिस कह रही थी कि प्रदर्शनकारियों को संसद की ओर मार्च करने की इजाजत नहीं थी। इसीलिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के आसपास सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती भी की गई थी।

फेसबुक पर घायल छात्रों और प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें और वीडियो शेयर करते हुए एन हुड्डा ने लिखा है, 'दिल्ली पुलिस छात्रों को बुरी तरह पीट रही है, कई लड़के और लड़कियां बुरी तरह घायल हुए हैं।' वहीं सैय्यद असलम अहमद तस्वीरें—वीडियो शेयर करते हुए लिखते हैं, 'जामिया पर फिर हुई पुलिसिया बर्बरता...'

हीं पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने जामिया के गेट नंबर-सात से अपना मार्च शुरू किया था, हमने उनसे अपना मार्च खत्म करने की अपील की।

प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी 'कागज नहीं दिखाएंगे' और 'जब नहीं डरे हम गोरों से तो क्यों डरे हम औरों से' जैसे नारे लगा रहे थे, उनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं। अपने हाथों में कई लोग तिरंगा थामे हुए थे और 'हल्ला बोल' के नारे लगा रहे थे, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला भी बनाई।

गौरतलब है कि जामिया मिलिया इस्लामिया के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद ने बिगड़ती स्थितियों को भांपते हुए छात्रों और पुलिस दोनों से अनुरोध किया था कि हिंसा का रास्ता न अपनाया जाये। उन्होंने छात्रों से वापस जाने की अपील भी की थी। इससे पहले बताया जा रहा था कि मंडी हाउस इलाके में सीएए के खिलाफ विरोध मार्च करने के लिए महिलाओं और छात्रों सहित सैकड़ों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए, मगर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मार्च की अनुमति नहीं दी जिसके बाद यहां प्रदर्शन किया गया।

CAA-NRC के खिलाफ इससे पहले 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर विश्वविद्यालय से राजघाट के लिए मार्च निकाला गया था, जिसमें एक शख्स ने पुलिस की मौजूदगी में फायरिंग की थी तब गोली पत्रकारिता के छात्र शादाब फारूख के हाथ में लगी थी। पकड़े गये शख्स की पहचान ग्रेटर नोएडा कपिल गुर्जर के तौर पर की गयी थी जो फिलहाल पुलिस हिरासत में है।

ससे पहले भी जेवर के गोपाल शर्मा ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की थी, जिसमें एक छात्र के हाथ में गोली लगी थी, वह भी पुलिस हिरासत में है। उसके बाद एक बार फिर फायरिंग की गयी थी, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ। उसके बाद अब निकले मार्च में पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और मारपीट किये जाने की घटना सामने आ रही है।

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