चोरी के झूठे आरोप में गरीब घरेलू नौकरानी की साड़ी उतार पेड़ से बांध पुलिस ने की निर्ममता से पिटाई

Update: 2019-05-18 15:39 GMT

गरीब घरेलू नौकरानी अंजनी बर्मन की बुरी तरह पिटाई करने के बाद पुलिस उसे उसी हालत में मारते हुए जयपुर के शिप्रा पथ थाने ले गई, थाने में भी उसे कुर्सी पर बांधकर बेल्ट और डंडों से बुरी तरह पीटा गया, और रात में साड़ी उतारकर पेड़ से बांध बेल्ट से की निर्ममता से पिटाई...

जनज्वार। अलवर गैंगरेप कांड का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि राजस्थान के जयपुर से एक गरीब घरेलू नौकरानी का काम करने वाली महिला के साथ हुई घोर ज्यादती की एक और घटना सामने आ रही है, चोरी का झूठा आरोप लगा मालिक ने पुलिस के साथ मिलकर उसे इतना पीटा कि वह बेहोश हो गई और बाद में मुंह बंद रखने का भी दबाव डाला।

पत्रिका में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक राजस्थान में पुलिस ने एक झूठी शिकायत पर घरेलू नौकरानी की साड़ी उतारकर उसको पेड़ से लटकाकर बुरी तरह बेल्ट से पीटा। पिटाई के दौरान महिला बेहोश हो गई, बाद में पुलिस ने उस पर समझौते के लिए भी दबाव डाला।

जानकारी के मुताबिक घरेलू नौकरानी का काम करने वाली महिला अंजनी बर्मन पर उसके मालिक ने सोने का हार चोरी करने का आरोप लगाया और पुलिस ने शिप्रापथ थाने में उसकी निर्ममता से पिटाई की। यह घटना पिछले महीने 19 अप्रैल को घटी। इतने से भी जब मन नहीं भरा तो उसकी साड़ी खोल सरेआम पेड़ से लटकाकर बेल्ट से बुरी तरह पीटा गया। यह घटना महिला कामगार यूनियन समेत कुछ अन्य संगठनों के प्रयासों से सामने आई। जब पुलिस ही इस घटना में आरोपी रही है तो इसे दबाने की पूरी कोशिश की गई।

पत्रिका में प्रकाशित खबर के मुताबिक पीड़िता अंजनी बर्मन ने आरोप लगाया है कि वह जयपुर के महारानी फॉर्म स्थित रघु विहार के एक घर में पिछले दो सालों से घरेलू कामगार का काम कर रही थी। पिछले महीने 19 अप्रैल को उसके मकान मालिक राम चौधरी और इंदु चौधरी ने उस पर हार चोरी का आरोप लगाते हुए उसे अपने घर मे बंधक बना खूब मारपीट की। इस दौरान मकान मालिक राम चौधरी ने शिप्रा पथ थाने से 3 पुलिसकर्मियों को भी घर पर बुला लिया, जिन्होंने उसे बुरी तरह मारा।

घर में अंजनी बर्मन की बुरी तरह पिटाई करने के बाद पुलिस उसे उसी हालत में मारते हुए शिप्रा पथ थाने में ले गई। थाने में भी उसे कुर्सी पर बांधकर बेल्ट और डंडों से बुरी तरह पीटा गया।

घरेलू नौकरानी का काम करने वाली अंजनी बर्मन का कहना है कि उसी दिन रात को लगभग 9 बजे पुलिसकर्मी उसे थाने के पीछे ले गये, जहां उसकी साड़ी उतारने के बाद उसे पेड़ से बांध दिया गया। साड़ी उतारकर पेड़ से बांध पुलिसकर्मियों ने उसे बेल्ट और डंडों से बेरहमी से इतना पीटा कि वह बेहोश हो गई। इतना ही नहीं इस दौरान पुलिस ने उसके पति को भी थाने में अपने कब्जे में रखा।

दूसरे दिन यानी 20 अप्रैल को जब मकान मालिक को अपने घर में ही सोने का हार बरामद हो गया तो जबरन अंजनी बर्मन से पुलिस ने सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिये, ताकि वह मामले को आगे न ले जा सके। इसके बाद मकान मालिक राम चौधरी पीड़िता अंजनी बर्मन को अपनी कार में बैठाकर थाने से ले गया और कहा कि 500 रुपए लेकर मामले को रफा दफा कर ले, इस मामले को आगे न ले जाये।

मगर राजस्थान महिला कामगार यूनियन को जब इस मामले की भनक लगी तो वह पीड़िता को जयपुरिया अस्पताल लेकर गई जहां उसका मेडिकल करवाया गया। मेडिकल में पीड़ित महिला के शरीर पर जगह—जगह चोट के निशान पाये गये। इसी के बाद राजस्थान महिला कामगार यूनियन ने इस मामले को उठाना शुरू किया है।

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