अदानी ग्रुप के फ्रॉड के खिलाफ याचिका दाखिल

Update: 2017-09-16 22:07 GMT

भोजपुरी में एक गाना है, चाचा हमार विधायक हउवें नाहीं डिराइब हो, ए डब्बल चोट्टी वाली तोहके टांग ले जाइब हो। कुछ ऐसी ही हिमाकत आजकल उद्योगपति अडानी भी देश के साथ करते देखे जा रहे हैं...

जनज्वार, दिल्ली। अदानी ग्रुप और अन्य ऊर्जा कंपनियों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर विशेष जांच की मांग की गयी है। याचिका में कहा गया है कि अदानी और दूसरी उर्जा कंपनियां आार्थिक घपले कर कोयले और उर्जा उपकरणों की कीमतें बढ़ाते रहे हैं, जिसकी विशेष जांच होनी चाहिए।

अगस्त में गार्जियन अखबार ने अपनी खोजी रपट में विस्तार से खुलासा किया था कि अास्ट्रेलिया में दुनिया का सबसे बड़ा कोयला खदान बना रही भारतीय कंपनी अदानी ग्रुप का बड़ा फ्रॉड पकड़ में आया है, जिसमें कंपनी ने अपना बेतहाशा मुनाफा बढ़ाने के लिए भारत सरकार को खरबों को चूना लगाया है।

विशेष जांच की मांग करने वाली दिल्ली उच्च न्यायालय में दाखिल इस याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2014 के भारतीय सीमा शुल्क के खुफिया दस्तावेजों से पता चलता है कि अडानी ग्रुप ने महाराष्ट्र सरकार के पॉवर प्रोजेक्ट्स के लिए जो बिजली उपकरण उपलब्ध कराए, उसके बिल फर्जी हैं। अधिकारियों ने जो आधिकारिक दस्तावेज लगाए हैं, उसके मुताबिक अडानी ग्रुप का यह घपला करीब 1500 करोड़ का है।

इसके अलावा अडानी पर एक दूसरे फ्रॉड के मामले में मुकदमा चल रहा है, जिसमें कंपनी द्वारा 3900 सौ करोड़ के घपले का अनुमान है। वहीं आस्ट्रेलिया के खनन कंपनी हथियाने में अदानी ने गलत तरीकों का इस्तेमाल कर भारत सरकार को अरबों का चूना लगाया है। हालांकि अडानी ग्रुप ने अबतक इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है हमने कुछ भी गलत नहीं किया।

अडानी, एस्सार समेत कुल 40 कंपनियों पर पिछले हफ्ते दाखिल याचिका में आरोप लगाए गए हैं कि इन कंपनियों ने कोयला और बिजली के उपकरण बहुत महंगे दामों पर बेचे। इन कंपनियों ने ऐसा कर न सिर्फ पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को चूना लगाया, बल्कि देश को धोखा भी दिया, शेयर होल्डर्स के साथ धोखा किया है और टैक्स विभाग को नुकसान किया है। याचिका में लगाए गए अनुमान के मुताबिक यह पूरा घपला करीब 290 बिलियन का है।

गौरतलब है कि यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कुछ अन्य कानूनी सहायता देनी वाली संस्थाओं की ओर डाला गया, जिसकी अभी अदालत को समीक्षा करनी है। याचिका में इस बात के लिए हैरानी जताई गई है कि खुफिया कर निदेशालय 'डीआरआई' ने अडानी ग्रुप पर लगे 3900 करोड़ के घपले के आरोप को बिना जांच के खारिज कर दिया था। (फोटो में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उद्योगपति अडानी)

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