पार्टी विरोधी बयान दिए जाने के कारण जेडीयू से निकाले गए प्रशांत किशोर और पवन वर्मा

Update: 2020-01-29 12:39 GMT

प्रशांत किशोर को पार्टी से निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर ने नीतिश कुमार को ट्वीट करते हुए धन्यवाद कहा है...

जनज्वार। जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और वरिष्ठ नेता पवन वर्मा को पार्टी से निकाल दिया गया है। पिछले कई दिनों से प्रशांत और पवन वर्मा नागरिकता संशोधन कानून पर पार्टी के रुख की आलोचना कर रहे थे। इसके अलावा इन दोनों नेताओं द्वारा नीतिश कुमार के ऊपर भी सवाल उठाए जा रहे थे।

प्रशांत किशोर को पार्टी से निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर ने नीतिश कुमार को ट्वीट करते हुए धन्यवाद कहा है।

हाल के दिनों में कई मुद्दों को लेकर नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच जुबानी जंग जारी थी। एक दिन पहले ही नीतिश कुमार ने अमित शाह के कहने प्रशांत किशोर को पार्टी में रखा था। इसे लेकर ट्वीट वार शुरू हो चुका है।

सके बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर नीतिश कुमार को झूठा बताया साथ ही उनका कहना था कि नीतिश कुमार जो मुझे जेडीयू में क्यों और कैसे लेकर आए इस बारे में पूरी तरह से झूठ बोल रहे है। अपने ही रंग रंगने की बेहद खराब कोशिश कर रहे है। लेकिन अगर आप सच बोल रहे हैं तो कौन यह भरोसा करेगा कि अभी भी आपमें इतनी हिम्मत है कि अमति शाह द्वारा भेजी गए आदमी की बात ने सुनें?

दयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने मंगलावार को दिए अपने बयान में पार्टी में रहने के लिए अनुशासन को बनाए रखने के लिए कहा था। साथ ही उनका कहना था कि जो पार्टी के अनुशासन को नहीं मानेगा उसे पार्टी से जाना होगा। हमने सबका सम्मान किया है। इसके बाद से ही जदयू के दोनों नेताओं पर बड़ी कार्रवाई के संकेत मिल रहे थे। नीतीश कुमार के बयान के बाद जदयू नेता अजय आलोक ने भी प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर हमला बोल दिया था।

नीतीश कुमार का कहना था कि अमित शाह के बोलने पर प्रशांत किशोर को जेडीयू में शामिल करने के लिए कहा था। तब जाकर मैंने उन्हें पार्टी में शामिल किया था। अब उनसे ही पूछ लीजिए कि उन्हें रहना है या नहीं? अगर रहना है तो पार्टी लाइन में रहना होगा, नहीं तो जहां जाना है जाएं। हम किसी को पकड़ कर नहीं रखते हैं।

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