ओडिशा में तांत्रिक ने कोरोना भगाने के नाम पर मंदिर में दी नरबलि, कहा भगवान के आदेश का किया पालन
जुर्म कबूलते हुए पुजारी संसारी ओझा ने बताया कि उसे सपने में भगवान से आदेश मिला था कि अगर नरबलि दी जाए तो कोरोना वायरस संकट थम जाएगा, इसलिए उसने इंसान का सिर अर्पण किया भगवान को...
जनज्वार। कोरोना वायरस भगाने के नाम पर हमारे देश में तरह-तरह के अंधविश्वास फैलाये जा रहे हैं। गोबर-गोमूत्र के अलावा तमाम देशी तरीकों से कोरोना भगाने के दावे करने वाली पोस्टें सोशल मीडिया पर आसानी से देखी जा सकती हैं। अब तक कोरोना भगाने के नाम पर जगह-जगह अंधविश्वास की कई घटनायें सामने आ चुकी हैं।
अभी उस घटना को मात्र एक हफ्ता भी नहीं बीता जब यूपी में एक 16 साल की लड़की ने कोरोना से गांव को बचाने के लिए शिवलिंग पर अपनी जीभ अर्पित कर दी थी, अब तो उससे भी आगे अंधविश्वास की हाइट छूती एक घटना सामेन आयी है। ओडिशा के कटक जिले के नरसिंहपुर में एक पुजारी ने कोरोना वायरस भगाने के लिए एक इंसान की बलि दे दी है।
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक मंदिर परिसर के अंदर एक व्यक्ति का शव बरामद होने के बाद इस घटना का खुलासा हुआ। स्थानीय पुलिस ने हत्या में शामिल हथियारों को जब्त कर लिया है और पुलिस आरोपी पुजारी से पूछताछ कर रही है। आरोपी ने अपना जुर्म कबूलते हुए कहा कि इस क्षेत्र को कोरोनामुक्त करने के लिए उसने भगवान के आदेश पर नरबलि दी है।
पुजारी ने कहा कि उसे सपने में भगवान का आदेश मिला था कि कोरोना से निपटने के लिए एक नरबलि देनी पड़ेगी और उसने उसी का पालन किया। बुधवार 27 मई की रात को नरसिंहपुर बंधहुडा गांव में ब्राह्मणी देवी मंदिर परिसर के अंदर से पुलिस ने एक व्यक्ति का शव बरामद किया है। स्थानीय पुलिस ने हत्या में शामिल हथियारों को अपने कब्जे में लेते हुए लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पुलिस द्वारा की गयी पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी पुजारी का का नाम संसारी ओझा है और उम्र 72 वर्ष है। एसपी कटक राधा विनोद इस मामले में कहते हैं कि पुरानी प्रतिद्वंद्विता के चलते अंधविश्वास का सहारा लेकर इस हत्या को अंजाम दिया गया है। हमने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।
कोरोना संकट टालने के नाम पर मौत के घाट उतारे गये शख्स की पहचान सरोज कुमार प्रधान के रूप में हुई है। आरोपी के मुताबिक मंदिर में बलि को लेकर मृतक के साथ उसकी बहस हुई थी और जब दोनों के बीच बहस काफी आगे बढ गयी तो उसने सरोज कुमार प्रधान को धारदार हथियार से काट डाला।
पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूलते हुए पुजारी संसारी ओझा ने बताया कि उसे सपने में भगवान से आदेश मिला था कि अगर नरबलि दी जाए तो कोरोना वायरस संकट थम जाएगा। वहीं पुलिस का कहना है कि आरोपी पुजारी और मृतक प्रधान के बीच लंबे समय से आम के बागीचे को लेकर झगड़ा था और उसने कोरोना थामने के नाम पर दी गयी नरबलि का सहारा लेकर अपना यह स्वार्थ साधा है।
पुलिस डीआईजी सेंट्रल रेंज आशीष कुमार सिंह ने इंडिया टुडे से हुई बातचीत में बताया, 'प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि आरोपी घटना के वक्त शराब के नशे में था। सुबह जब नशा उतरा तो उसने खुद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। ऐसा लगता है कि वह मानसिक रूप से बीमार है।'