पंजाब में बेरोजगार ETT टीचर्स का आंदोलन जारी, चीफ सेक्रेटरी ने बातचीत के लिए बुलाया

Update: 2020-03-12 09:15 GMT

पंजाब के बेरोजगार ETT टीचर्स का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है, जबकि उन्हें पहले आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों पर विचार कर इसे पूरा किया जाएगा...

जनज्वार ब्यूरो। पंजाब के बेरोजगार ईटीटी (Elementary Teacher Training) टीचर्स के साथ आज 12 मार्च को मुख्य सचिव सुरेश कुमार के साथ दोपहर में होगी। दूसरी ओर ईटीटी टीचर्स और बीएड टीईटी पास टीचर्स यूनियन अपनी मांगों को लेकर लगातार पंजाब में आंदोलन कर रही है। इनका आरोप है कि सरकार उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है। जबकि उन्हें पहले आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों पर विचार कर इसे पूरा किया जाएगा।

यह है इनकी प्रमुख मांग

बीएड टीईटी (Teacher Eligibility Test) पास उम्मीदवारों की भर्ती के लिए 15 हजार पद निकाले जाएं। नौकरी की उम्र 37 से 42 साल हो। बॉर्डर कैडर का फैसला वापस लेकर पूरे सूबे में भर्ती हो। हैंडीकैप्ट की बैकलॉग 90 असामियां भरी जाएं। ग्रेजुएशन में से 55 अंकों की शर्त खत्म की जाए। जब तक टेस्ट पास उम्मीदवारों को रोजगार नहीं मिलता, 2500 रुपए बेरोजगारी दिया जाए।

Full View बातचीत क्यों?

होली से लेकर अभी तक यूनियन लगातार आंदोलन चलाए हुए हैं। यूनियन ने पंजाब के पटियाला शहर में स्थिति सीएम अमरिंदर सिंह के आवास मोती महल का घेराव करने की भी कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। इस वजह से पंजाब का सियासी माहौल गर्मा गया। बात बढ़ती देख सरकार ने आंदोलनकारियों के साथ बातचीत का मन बनाया है। आंदोलनकारियों को आज बातचीत के लिए चीफ सेक्रेटरी ने बुलाया है। सरकार की ओर से दावा किया गया कि हम मांगों को लेकर गंभीर है।

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पटियाला में लगाया पक्का मोर्चा

दूसरी ओर आंदोलनकारियों ने पटियाला में पक्का मोर्चा लगा दिया। उन्होंने ऐलान किया कि यदि उनकी मांगों को सरकार नहीं मानती तो प्रदेशभर में आंदोलन तेज कर दिया जाएगा। क्योंकि अब इसके सिवाय उनके पास कोई चारा नहीं रह गया है।

सुखबीर बादल ने घेरा सरकार को

धर अकाली दल के नेता व पूव उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने कांग्रेस सरकार को घेरते हुए युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने को आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इनकी मांगों को सरकार क्यों नहीं मान रही है जबकि पहले तो आश्वासन दिया गया था कि मांगों को माना जाएगा। उन्होंने लाठीचार्ज की कड़ी निंदा की। इसके साथ ही लाठी चार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की भी मांग की है।

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कई अन्य जत्थेबंदी भी जुटे आंदोलनकारियों के साथ

ध्यापक मुलाजिम, किसान मजदूर, नौजवान विद्यार्थी व अन्य जत्थेबंदियाें ने ऐलान किया कि यदि आंदोलनकारियों की बात नहीं मानी जाती तो वह भी उनके साथ कंधे से कंधा मिला कर विरोध प्रदर्शन में साथ देंगे। उन्होंने सरकार पर ज्यादती करने का आरोप लगाया है।

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