राहुल गांधी ने मीडिया से पूछा, हमसे आप इतना सवाल करते हैं राफेल समझौते पर मोदी से क्यों नहीं कुछ पूछते? अमित शाह के बेटे को लेकर कोई सवाल क्यों नहीं दागते
कांग्रेस का आरोप है कि राफेल समझौता कर मोदी सरकार ने देश के साथ धोखा किया है। 15 नवंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था, 'प्रधानमंत्री मोदी ने राफेल डील में अपने बिजनेसमैन दोस्त के लिए देश की सुरक्षा से समझौता किया। इस डील से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचेगा।'
रणदीप सुरजेवाला के इस बयान के बाद पूरी दुनिया में सनसनी फैल गयी। दबाव इस कदर बढ़ा कि राफेल को इस संबंध में बयान देना पड़ा। दूसरी तरफ आज गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मीडिया से चुटकी लेते हुए पूछा, 'आप सब मुझसे बहुत सवाल पूछते हैं और मैं खुशी—खुशी उनका जवाब देता हूं। कभी प्रधानमंत्री से राफेल रक्षा सौदे में हुए बदलावों पर कोई सवाल क्यों नहीं पूछते? कभी अमित शाह के बेटे के बारे में भी पूछिए?'
कांग्रेस नेताओं के इन बयानों का दबाव इस कदर बढ़ा कि राफेल को इस संबंध में बयान देना पड़ा है। राफेल प्रवक्ता ने कहा कि राफेल डील में भारत का फायदा है। इस मिलिट्री जेट को इसकी आउटस्टैंडिंग परफॉर्मेंस और कम्पेटेटिव प्राइस के चलते सेलेक्ट किया गया है।किसी भी तरह का दावा करने से पहले फैक्ट्स को चेक किए जाने की जरूरत है।
भारत ने 36 राफेल फाइटर जेट्स के लिए फ्रांस के साथ 58000 करोड़ की डील की है। यह डील एफडीआई नियमों के तहत हुई है। राफेल समझौते में भारतीय पार्टनर अनिल अंबानी हैं।
वरिष्ठ वकील और स्वराज अभियान के अध्यक्ष प्रशांत भूषण कहते हैं, 'यह कितना शर्मनाक है कि मीडिया 58 हजार करोड़ के राफेल रक्षा सौदा घोटाले पर चुप्पी साधे हुए है और 31 साल पुराने 64 करोड़ के बोफोर्स रक्षा घाटाले रोज बहस करती रहती है।'
क्या है राफेल समझौता
फ्रांस के रक्षामंत्री ज्यां ईव द्रियां और भारत के रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने नई दिल्ली में 23 सितंबर, 2016 को राफेल समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत भारत सरकार को फ्रांस से 36 राफेल फाइटर जेट विमान मिलने हैं। यह समझौता 58,000 करोड़ का है। डील के मुताबिक भारत को जेट विमान की पहली खेप 2019 और शेष सारी 2022 तक मिल जाएगी।
क्या है राफेल और क्या है खासियत
राफेल विमान 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जिसे फ्रांस की डेसाल्ट कंपनी ने बनाया है। अनुमान के मुताबिक और समझौते में जो बताया गया है उसके उसके अनुसार यह एक मिनट में 60,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है और इसका परिक्षेत्र 37 सौ किलोमीटर बताया जा रहा है।