LOCKDOWN में ऑनलाइन क्लास छूटने पर दलित छात्रा ने की आत्महत्या, घर पर नहीं था टीवी-स्मार्टफोन

Update: 2020-06-03 10:49 GMT

ऑनलाइन क्लास में भाग नहीं ले पाने से परेशान छात्रा ने की आत्महत्या, पिता के पास तीन महीने से नहीं है काम इसलिए छोटे से टीवी की नहीं करवा पाए थे रिपेयरिंग, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने की मदद की पेशकश...

जनज्वार ब्यूरो। कोविड 19 महामारी के बीच केरल ने अपने शैक्षणिक सत्र की शुरूआत वर्चुअल क्लास के साथ सोमवार से शुरू कर दी है लेकिन इसने कुछ परेशान करने वाले सवाल भी छोड़ दिए हैं। केरल के मल्लापुर में एक 14 वर्षीय छात्रा देविका ने आत्महत्या कर ली और उसके माता-पिता ने आरोप लगाया है कि वह परेशान थी कि वह ऑनलाइन क्लास में भाग नहीं ले सकती थी क्योंकि उनके घर में टीवी या स्मार्टफोन नहीं था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मृतक छात्रा दलित समुदाय से ताल्लुक रखती थीं।

'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक, लड़की सोमवार 1 मई की दोपहर के बाद से अपने घर से गायब थी और उसका पूरा जला हुआ शव बाद में वालेनचेरी में उसके घर के पास एक अलग प्लॉट से बरामद किया गया था। पुलिस ने उसके शव के पास केरोसिन की एक खाली बोतल भी बरामद की। पुलिस ने कहा कि एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है। इसके बाद में लड़की के शव को मंजेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है।

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स्कूल प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि कक्षा 9वीं की छात्रा अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छी थी। उसके माता पिता बालाकृष्णन और शीबा ने कहा क उनके पास एक छोटा टीवी था लेकिन तीन महीने से उसकी रिपेयरिंग चल रही थी। रिपेयरिंग में देरी इसलिए हुई क्योंकि परिवार के मुखिया पिछले तीन महीने से बिना काम के थे।

स्थानीय विधायक आबिद हुसैन थंगल ने मृतक के घर पहुंचे। वह कहते हैं, 'यह एक दुखद घटना है। सरकार ने बिना तैयारी के वर्चुअल क्लास शुरू की। अकेले मल्लपुरम और वायनाड जिले में कम से 20,000 छात्र ऐसे हैं जिनकी टीवी या स्मार्टफोन तक पहुंच नहीं है। ऑनलाइन क्लास के बड़े प्रचार ने वंचित छात्रों को एक कोने में धकेल दिया है।'

Full View के शिक्षामंत्री सी रवींद्रनाथ ने जिला शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। सोमवार को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा वर्चुअल क्लास का उद्घाटन किया गया था और उन्हें कहा था कि इस नई प्रणाली से क्रांति आएगी। राज्य के कई शिक्षा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी थी कि वर्चुअल क्लास को तब तक शुरू न किया जाए क्योंकि स्मार्टफोन और टीवी तक 2 लाख छात्रों की पहुंच नहीं है।

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शिक्षा कार्यकर्ता शाजिर खान ने कहा, हमने इस बारे में सरकार को चेतावनी दी थी। सरकार को सभी छात्रों तक पहुंच सुनिश्चित करने के बाद ही वर्चुअल क्लास को शुरू करना चाहिए था।

हालांकि इस बीच राहुल गांधी ने उन परिवारों और अन्य लोगों की सूची मांगी है जिनके पास टीवी और स्मार्टपोन तक पहुंच नहीं है। जिला कलेक्टर को लिखे पत्र में राहुल गांधी ने कहा कि ऑनलाइन क्लास के लिए स्मार्टफोन, कंप्यूटर और विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्शन तक सीमित पहुंच वाले चात्रों के लिए प्रमुख चुनौतियां हैं। गांधी ने पत्र में यह भी कहा कि वे छात्रों के लिए उपकरणों की खरीद में अपनी ओर से सहायता को बढ़ाना चाहते हैं।

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