राजधानी गैरसैंण पर जोर पकड़ रहा जनांदोलन

Update: 2018-01-02 23:20 GMT

राजधानी देहरादून की सड़कों पर निकली तिरंगा यात्रा

देहरादून, जनज्वार। उत्तराखंड में स्थायी राजधानी के अहम सवाल पर अब प्रदेश के विभिन्न संगठन, युवा और राज्य निर्माण आंदोलन की ताकतें एकजुट होने लगी हैं। इस अहम मुद्दे पर अब तक सिर्फ राजनीति ही करते आ रहे भाजपा-कांग्रेस पर अब निर्णायक दबाव बनाने की कोशिशें शुरू हो चुकी है।

प्रदेश की जनता अब राजधानी के मुद्दे का स्थायी हल चाहती है। ऐसे में जनभावनाओं के अनुरूप गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग आंदोलन का रूप लेने लगी है। इसे लेकर जन संवाद, गोष्ठी, धरना-प्रदर्शन और अन्य आंदोलनकारी गतिविधियां लगातार जोर पकड़ रही है। इसी क्रम में नए साल के पहले दिन 1 जनवरी को राजधानी की सड़कों पर तिरंगा यात्रा निकली। गैरसैंण स्थाई राजधानी तथा नशा नहीं रोजगार दो के लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं, युवाओं ने तिरंगा यात्रा निकालकर जनता से लामबंद होने आह्वान किया।

विभिन्न सामाजिक संगठनोंं से जुड़े हुए कार्यकर्ता व युवा बड़ी संख्या में कचहरी स्थित शहीद स्थल पर संयोजक प्रवीण सिंह के नेतृत्व में इकट्ठा हुए। इन लोगों ने कलेक्ट्रेट से शहर में तिरंगा यात्रा निकालकर स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने को हुंकार भरी। शहीद स्थल से तिरंगा यात्रा के घंटाघर के समीप पर्वतीय गांधी स्वर्गीय इन्द्रमणि बडोनी की प्रतिमा के पास पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि राज्य निर्माण आंदोलन के बाद अब प्रदेश के लोग स्थायी राजधानी के लिए बड़े आंदोलन को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जल्द ही कोई फैसला नहीं किया तो उत्तराखंड में ग्रीष्मकालीन सत्र के साथ ही आमरण अनशन, चक्काजाम, जुलूस व धरना-प्रदर्शन की गतिविधियां तेज कर दी जाएगी।

लोगों की लामबंदी के लिए तिरंगा यात्रा का आयोजन ऋषिकेश, श्रीनगर, कर्णप्रयाग , देवप्रयाग, चमोली, गोपेश्वर, गैरसैंण, द्वाराहाट, चौखुटिया, बागेश्वर, अलमोड़ा, नैनीताल आदि क्षेत्रों में भी किया जाएगा। इस मौके पर यात्रा के संयोजक प्रवीण सिंह, रामकृष्ण तेवारी, महेश चंद्र पांडेय, महिला मंच की प्रदेश संयोजक कमला पंत, जिला संयोजक निर्मला बिष्ट, शकुंतला गुसांई, पदमा गुप्ता, सचिन थपलियाल, भगवती प्रसाद, आदेश चौधरी, अरविन्द हटवाल, नारायण सिंह, राजकुमार, संजय घिल्डियाल, एसपी नेगी, कैलाश जोशी, संजय बुडाकोटी आदि मौजूद थे।

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