नदियों पर बने हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट रोकने पर विचार करने के लिए बनी एक उच्च स्तरीय समिति, सरकार ने कहा मातृसदन की मांगों के अनुरूप खनन के खिलाफ उठाया जाएगा कदम
जनज्वार। आज 4 मई को 194 दिनों से अनशन पर बैठे स्वामी आत्मबोधानन्द ने अपने अनशन को ख़त्म करने का ऐलान किया है. आत्मबोधानंद ने जनज्वार से बातचीत में कहा कि नमामि गंगे के डायरेक्टर जनरल राजीव रंजन मिश्रा ने आश्वस्त किया है कि सरकार उनकी मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा करेगी.
गौरतलब है कि आज ही नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के डायरेक्टर जनरल, राजीव रंजन मिश्रा, का पत्र (T-02/2016-17/450/NMCG/Misc. दिनांक 4.5.2019) लेकर मिशन के उच्च अधिकारी और हरिद्वार प्रशासन के लोग हरिद्वार स्थित मातृ सदन पहुंचे थे. पत्र के मुताबिक गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सरकार आत्मबोधानंद की मांगों के अनुसार लागू करेगी.
मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानद के नाम से भेजे गए इस पत्र में गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए सरकारी प्रयासों की जानकारी के साथ ही स्वामी आत्मबोधानंद के अनशन समाप्त करने का अनुरोध भी था. नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के डायरेक्टर जनरल उच्च अधिकारियों के दल के साथ 25 अप्रैल को मातृ सदन जाकर गंगा से सम्बंधित मांगों पर विस्तृत चर्चा कर चुके थे और मांगों को जल्दी ही मानने का आश्वासन दे चुके थे.
इस पत्र में दी गयी जानकारी के अनुसार गंगा किनारे अवैध खनन रोकने के लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा और केन्द्रित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड समय समय पर राज्य प्रशासन और जिला प्रशासन को निर्देश देते रहे हैं. अब नए निर्देश भी 26 अप्रैल को जारी किये गए हैं. केन्द्रीय बोर्ड की विशेष टीम और उत्तराखंड प्रशासन द्वारा गठित टीमें इस सम्बन्ध में लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहीं हैं.
पत्र में गंगा और हिमालयी क्षेत्र में इसके सहायक नदियों पर स्थापित हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट्स को पूरी तरह से रोकने की मांग के सन्दर्भ में जानकारी दी गयी है कि सभी पक्षों से इस सन्दर्भ में विस्तार से चर्चा की गयी है और एक उच्च-स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जो ऐसी सभी परियोजनाओं का दौरा कर चुकी है और एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत कर चुकी है. इस रिपोर्ट का अध्ययन कर और इसमें प्रस्तुत जानकारियों के आधार पर इस सम्बन्ध में शीघ्र ही फैसला लिया जाएगा.
आत्मबोधानंद से जनज्वार से खास बातचीत
इन आश्वासनों के बाद 194 दिनों से चल रहा अनशन ख़त्म हो गया. स्वामी आत्मबोधानद ने तो अपना काम कर दिया, पर इस सन्दर्भ में जनता कब जागेगी. जिस दिन प्रदूषण और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर जनता जागी, उस दिन से किसी अनशन की जरूरत ही नहीं होगी.