BJP शासित मध्यप्रदेश में ग़रीबों के राशन पैकेट में बड़ा घोटाला,विधायक के हंगामे के बाद बैठी जांच
कोरोना के संक्रमण से जूझने के समय में भी गरीबों के मुंह में जाने वाले निवाले में घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है। लॉकडाउन में पीडीएस के गेंहू को आटा फैक्ट्रियों में पिसवाकर जो 10-10 किलो के फ्री पैकेट वितरण राशन दुकानों से कराए जा रहे हैं,उसमें ढ़ाई किलो तक आटा कम निकलने के बाद शुक्रवार को हड़कंप मच गया....
जनज्वार। कोरोना के संक्रमण से जूझने के समय में भी गरीबों के मुंह में जाने वाले निवाले में घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है। लॉकडाउन में पीडीएस के गेंहू को आटा फैक्ट्रियों में पिसवाकर जो 10-10 किलो के फ्री पैकेट वितरण राशन दुकानों से कराए जा रहे हैं,उसमें ढ़ाई किलो तक आटा कम निकलने के बाद शुक्रवार को हड़कंप मच गया। वितरण दक्षिण विधानसभा के 9 वार्डों में हो रहा था जिसके बाद लोगों ने क्षेत्रीय विधायक प्रवीण पाठक को शिकायत की। दौलतगंज में खुद विधायक मसला देखने पहुंते और जब मशीन पर तौल हुआ तो किसी में ढ़ाई किलो तो किसी में दो से एक किलो तक आटा कम था। विधायक की आपत्ति के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति व जिला प्रशासन में हडकंप मच गया और तत्काल टीम को जांच को भेजा गया। जांच में आटा कम निकला। इसके बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस मामले में अपर कलेक्टर टीएन सिंह के नेतृत्व में जांच कमेटी का गठन किया।
सुबह करीब 10ः30 बजे दौलतगंज सहित आसपास के क्षेत्रों में राशन की दुकानों से आटा का वितरण किया जा रहा था। स्थानीय लोगों ने जब आटे के पैकेट को तौला तो उसमें दो से तीन किलो आटा कम निकलने के मामले सामने आने लगे। इसके बाद तत्काल मौके पर एसडीएम से लेकर विधायक प्रवीण पाठक को सूचना दी। मौके पर विधायक पहुंचे और अपने सामने भी पैकेट तुलवाए तो आठ किलो 600 ग्राम,7 किलो 200 से लेकर ढ़ाई किलो तक आटा पैकेट पर शॉर्ट निकला। विधायक ने तत्काल कलेक्टर,जिला आपूर्ति अधिकारी को फोन किया जिसके बाद विभाग का अमला पहुंचा तो आटा कम निकला।
महामारी में ग़रीबों को
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कोरोना संक्रमण के समय में लॉकडाउन की स्थिति में यह आटा वितरण सिर्फ गरीब और जरूरतमंद लोगों को कराया जा रहा है। यह वितरण पीडीएस दुकानों के माध्यम से कराया जा रहा है। ग्वालियर जिले को 11 हजार क्विंटल गेहूं मिला है जिससे आटा पिसवाकर यह वितरण कराया जा रहा है। गांवों में गेंहू दिया जा रहा है और शहर में 6000 क्विंटल गेंहू का आटा विभाग पिसवा रहा। आटे के पैकेट का वजन 10 किलो है।
आटा घोटाले का हड़कंप मचने के बाद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने जो तत्काल जांच कराई उसमें आटा कम होने की पुष्टि हुई। विभाग का कहना है कि पैकेट औसत 9 किलो वजन के निकले हैं क्यों कि आटा पिसने वाली कंपनी 100 किलो गेंहू का 90 किलो आटा ही देती है इसमें वह अपना पैकेजिंग से लेकर ट्रांसपोर्टेशन कवर करती है। इसके अलावा कुछ बैग में आधा से एक किलो भी कम निकला है।आटा पिसाई का काम विभाग ने तीन कंपनियों को दिया है। इसमें बीपी फूड प्रोडक्ट,शुभलाभ एग्रोटेक और अनमोल आटा कंपनी है। फूड कंट्रोलर ने बताया कि देसी च्वाइस ब्रांड के जिस बैग में आटा कम निकला है वह शुभलाभ कंपनी के हैं,अब कंपनी से जवाब ले रहे हैं कि ऐसा क्यों हुआ।
विधायक दक्षिण विधानसभा प्रवीण पाठक का आरोप है कि पूरे प्रदेश में आटा वितरण के नाम पर सबसे बड़ा घोटाला किया गया है। जब कलेक्टर को इस मामले में फोन किया तो उनका कहना था कि कम मात्रा के आटे का भुगतान करा दिया जाएगा। फूड कंट्रोलर पर कोई जवाब नहीं है।