शाहीन स्कूल 'राजद्रोह' मामला : मां को जेल में डालने के बाद अब पुलिसवाले सबूत के तौर पर बच्चे का चप्पल ले गए

Update: 2020-02-04 07:59 GMT

सीएए-एनआरसी के खिलाफ नाटक करने पर दर्ज हुआ है स्कूल के खिलाफ राजद्रोह का मामला, पुलिस ने 9 वर्षीय छात्रा की मां को जेल में डाला, सबूत के तौर पर बच्चे के चप्पल ले गई पुलिस...

जनज्वार। र्नाटक के बीदर में स्थित शाहीन स्कूल में 21 जनवरी को सीएए-एनआरसी के विरोध में बच्चों द्वारा एक नाटक किया गया था। जिसको लेकर हुआ बवाल अभी तक शांत नहीं हुआ है। इसी नाटक को लेकर स्कूल पर भी देशद्रोह का आरोप है एक 9 वर्षीय बच्चे की मां को पुलिस ने देशद्रोह के आरोप में तीन दिन के लिए जेल में डाल दिया है।

जिन बच्चों ने 21 जनवरी को सीएए-एनआरसी के विरोध में स्कूल में नाटक किया था उनमें एक पांचवी कक्षा का बच्चा भी शामिल था। इस बच्चे की मां नजमुन्निसा को पुलिस ने देशद्रोह के आरोप लगाते हुए जेल में डाल दिया है। नाटक मंचन के दौरान छात्रों के द्वारा कहा गया था जो भी सीएए-एनआरसी को लेकर कागजात मांगेगा उसको जूते मारेंगे।

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स पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। जिसके बाद बीदर के एक सामाजिक कार्यकर्ता नीलेश रक्षाल ने 26 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी इस शिकायत के बाद से ही पुलिस लगातार स्कूल प्रशासन और बच्चों से पूछताछ कर रही है।

पुलिस ने शाहीन स्कूल की प्रिंसिपल फरीदा बेगम पर भी देशद्रोह के आरोप लगाए हैं और उन्हें भी जेल में डाल दिया गया है। स्कूल में नाटक के दौरान कहा गया था कि जो भी सीएए-एनआरसी के लिए कागज मांगेगा उसे जूते मारेंगे इस बात को लेकर पुलिस ने नाटक में शामिल नजमुन्निसा की बेटी की चप्पल को सबूत के तौर पर रख लिया है क्योंकि नजमुन्निसा की बेटी ने कहा था जूते मारेंगे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस रोजाना शाहीन स्कूल में आ रही है जिसको लेकर माता-पिता और बच्चे काफी परेशान हैं। बच्चों के माता-पिता चाहते हैं कि पुलिस से पूछताछ के दौरान वे बच्चों के साथ हों ताकि बच्चे डरे नहीं।

जमुन्निसा और स्कूल की प्रिंसिपल फरीदा बेगम को गिरफ्तार करने के बाद 31 जनवरी को पुलिस अधीक्षक बी श्रीधर का ट्रांसफर कर दिया गया था उसके बाद नए पुलिस अधीक्षक डी नागेश ने कार्यभार संभाला है।

पुलिस द्वारा देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार की गई नजमुन्निसा इकलौती अभिभावक हैं। नजमुन्निसा के गिरफ्तार होने के बाद से उनकी मकान मालकिन उनका और उनकी बच्ची का ध्यान रख रहीं हैं। नजमुन्निसा को बीदर की जिला जेल में रखा गया है।

जमुन्निसा का कहना है कि उनके फ़ोन में व्हाट्सएप तक नहीं है और वह सीएए-एनआरसी के बारे में बहुत कम जानती हैं। मैंने सीएए-एनआरसी के बारे में टीवी और किसी के फ़ोन में देखा और सुना था। उसकी बेटी को स्कूल में एक नाटक के लिए चुना गया था। उस नाटक में 6 बच्चे थे बच्ची ने नाटक के दौरान टीवी पर सुनी हुई बातें बोली थी बच्ची घर पर नाटक की प्रैक्टिस करती थी।

Full View एक्सप्रेस के अनुसार पुलिस का कहना है कि बच्ची ने अपने बयान में बताया कि उसने नाटक के दौरान जो भी बोला वो सब उसकी मां ने सिखाया था और नाटक से थोड़ी देर पहले जूते मारने वाली बात को बार-बार बोलने को कहा था। पुलिस का ये भी कहना है कि बच्ची के बयानों के आधार पर ही बच्ची की मां को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

शाहीन स्कूल की प्रिंसिपल फरीदा बेगम का कहना है कि उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि बच्ची नाटक के दौरान क्या कहेंगी। हम नाटक के द्वारा छात्रों को सीएए-एनआरसी के बारे में बताना चाहते थे। बच्चों को कुछ जानकारी देने के बाद नाटक की स्क्रिप्ट बच्चों को ही तैयार करने को दे दी थी। इस बात का कोई अंदाजा नहीं था कि बच्ची ने क्या तैयार किया था।

नाटक का मंचन 21 जनवरी को किया गया था। फिर यह नाटक सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद 26 जनवरी को सामाजिक कार्यकर्ता नीलेश रक्षाल ने एक शिकायत दर्ज करवाई और 30 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया। नजूमुनिस्सा औ उनकी बेटी सुदूर जिला हमनाबाद के हल्लीखेड के एक गांव से दो महीने पहले ही यहां आए थे।

सात साल पहले उनके पति एम. एजाजुद्दीन की मौत हो गई। तब उनकी बेटी ने भी जन्म लिया था। उस समय उनके पास तीन एकड़ जमीन थी। नजूमुनिसा कहती हैं, 'मैंने प्रतिवर्ष 15,000 से 20,000 रुपये की लीज पर जमीन को दिया और घर की मदद के लिए काम करने के लिए यहां चली आयी। खुद स्कूल पढ़ नहीं पायी लेकिन उसको उम्मीद थी कि इस कदम के बाद उसकी बेटी को अच्छी शिक्षा हासिल करने में मदद मिलेगी।

शाहीन उर्दू स्कूल को शाहीन समूह के द्वारा संचालित किया जाता है। स्कूल में मुख्य रूप से आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्र अध्ययन करते हैं और कई छात्रवृत्ति या शुल्क छूट प्राप्त करते हैं। शाहीन समूह की सीईओ सीईओ मदिकेरी कहते हैं कि हमारे साथ इस तरह की घटना कभी नहीं हुई। कभी-कभी कक्षा 11 और 12 में मुसलमानों की तुलना में अधिक हिंदू होते हैं। पुलिस पर राजनीतिक दबाव के कारण यह घटना हुई है।

पुलिस द्वारा छात्रों से पूछताछ पर स्कूल के एक अधिकारी ने सवाल उठाते हुए बताया कि वे उन सभी छात्रों को अलग ले जा रहे हैं जिन्होंने इस नाटक में भाग लिया और जिन्होंने इसे देखा। उनसे पूछताछ की जा रही है। वे किसी भी शिक्षक या प्रबंधन के अधिकारी को उपस्थित नहीं होने देते हैं। छात्र डरे हुए हैं।

Full View एसपी बसवेश्वर हीरा के नेतृत्व में एक जांच दल ने छात्रों और शिक्षकों से गुरुवार को 45 मिनट, शुक्रवार को तीन घंटे, शनिवार को लगभग एक घंटे और सोमवार को एक घंटे तक 60-70 बच्चों से पूछताछ की। पुलिस के जांच दल ने इस दौरान स्कूल के सीसीटीवी और अन्य रिकॉर्ड भी जब्त किए।

ह पूछे जाने पर कि पुलिस क्या कर रही है, डिप्टी एसपी हीरा ने कहा कि जब हमारे पास साझा करने के लिए कुछ होगा तो हम उसकी घोषणा करेंगे।

न्यू टाउन पुलिस स्टेशन में यह मामला दर्ज किया गया है। वहां के पुलिस अधिकारी कहते हैं कि अगर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के बारे में 'गलत जानकारी' फैलाने में शिक्षक शामिल थे, तो पुलिस जांच कर रही है। एक अधिकारी ने कहा, 'छात्रों से हमें पता चला है कि शिक्षकों ने गलत सूचना अभियान शुरू किया है और यह नाटक एक हिस्सा था।

भिभावकों का कहना है कि पुलिस छात्रों से सवाल पूछ रही है कि नाटक में किसने हिस्सा लिया, किसने स्क्रिप्ट लिखी, क्या शिक्षकों ने उन्हें सीएए और केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलने के लिए कहा गया और क्या शिक्षकों ने उनके माता-पिता से कागजात न दिखाने का आग्रह किया था।

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छात्रों के माता-पिता कहते हैं कि वे इस बात से हैरान हैं। एक ने कहा कि उनकी बेटी केवल नाटक का हिस्सा थी। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री खुलेआम गोली मारो कहते हैं। गुंडो ने जेएनयू में प्रवेश किया और छात्रों के साथ मारपीट की लेकिन किसी भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई लेकिन अगर कक्षा पांच की एक लड़की कहती है कि अगर कोई उससे कागजात मांगता है तो उसको जूते मारो तो उसका नरक हो जाता है।

क अन्य अभिभावक कहते हैं, मुझे समझ नहीं आया कि यह कैसे राजद्रोही है। सीएए की बात करते हुए 9-10 साल के बच्चों में राष्ट्र विरोधी क्या है?

 

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