वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राजकिशोर का निधन

Update: 2018-06-04 10:41 GMT

पिछले महीने युवा बेटे की मौत से सदमे में आए राजकिशोर उसी समय से बीमार चल रहे थे और आज सुबह उनका हो गया निधन

दिल्ली, जनज्वार। हिंदी के वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राजकिशोर का आज सुबह करीब 9.30 बजे निधन हो गया। पिछले महीने उनके जवान बेटे की मौत हुई थी। बेटे की मौत के बाद हालांकि उन्होंने सोशल मीडिया पर खुद को सहज दिखाने की कोशिश की, मगर उसके बाद से वह सदमे में थे।

पिछले महीने 15 मई से गंभीर हालत में उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था और आज सुबह उन्होंने एम्स में ही अंतिम सांसें लीं।

उन्होंने 13 मई को आखिरी पोस्ट लिखी। 13 को उन्होंने दो पोस्टें लिखी। उसके बाद से वह एम्स में भर्ती थे। राजकिशोर ने बेटे की मौत के बाद फेसबुक पर अंतिम पोस्ट लिखी थी। पहली पोस्ट 'वंशवाद बुरा है तो व्यक्तिवाद अच्छा कैसे', दूसरी पोस्ट लिखी, ' भाजपा को कैसे हटाएं'

एक पोस्ट में उन्होंने समाज पर चिंता व्यक्त करते हुए लिखा था, मेरी समझ में नहीं आता कि बहुजन देश के समग्र विकास की कोई रूपरेखा क्यों नहीं प्रस्तुत करते, जिसमें देश में समता और संपन्नता का वातावरण बने? क्यों वे देश का चार्ज लेने के लिए सामने नहीं आ रहे हैं? अजीब दृश्य है। उनकी माँग यह है कि देश का प्रबंध सवर्ण चलाएँ और बहुजनों के साथ न्याय करें। क्या यह संभव है?

राजकिशोर फेसबुक पर बहुत सक्रिय थे। वह लगातार बहुजनों के पक्ष में लिख रहे थे। उन्होंने फेसबुक पर एक पाठशाला भी शुरू की थी, जिसका बहुत ही अच्छा रिस्पांस था।

उनकी बड़ी खासियत यह थी कि वह संवाद के प्रबल समर्थक थे। उनका मानना था कि हमारे समाज में संवाद बहुत कम हो गया है जिसके कारण प्रगतिशील और दलितों-दमितों के समर्थक हाशिये पर हैं।

उन्होंने करीब दर्जन भर किताबें लिखी थीं। वह साम्प्रदायिकता के मुखर विरोधी और उनका गहरा विश्वास था कि नौजवानों को अगर एकजुट किया जाए तो अम्बेडकर और भगत सिंह के सपनों का नया भारत बनकर रहेगा।

जनज्वार टीम ऐसे जन लेखक के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करता है और उनकी पत्रकारिता और लेखकीय परंपरा को जारी रखने का भरोसा दिलाता है।

अपने युवा पुत्र की मौत की खबर 23 अप्रैल को साझा करते हुए उन्होंने लिखा था, 'मेरे युवा पुत्र विवेक राज का 22 अप्रैल की सुबह 6.30 पर मूलचंद अस्पताल में निधन हो गया। विवेक एक सजग पत्रकार और फिल्म तथा वृत्त चित्र निर्माता था। उसने अपने कैरियर की शुरुआत बीबीसी से की थी। वह लगभग 12 वर्ष तक बीबीसी में कार्य करता रहा, जहाँ से दक्षिण एशिया ब्यूरो के प्रोड्यूसर पद से सेवानिवृत्त हुआ। उसके बाद वह अमेरिका के सब से लोकप्रिय टीवी चैनल एबीसी के साथ जुड़ा और स्वतंत्र रूप से भी काम करते रहा। वह बिल गेट्स की स्वच्छता सं संबंधित पर एक बड़ी परयोजना में काम कर रहा था। बीबीसी में रहते हुए उसने बेजिंग में तीन वर्ष तक काम किया। विवेक की पत्नी थिया इवांस लंदन की एक अंतरराष्ट्रीय कला कंपनी की भारतीय डाइरेक्टर हैं। उनकी बेटी एज्मे आठ वर्ष की और बेटा रेक्स छह वर्ष का है। विवेक की स्मृति में एक शोक सभा मंगलवार 24 अप्रैल 2018 को शाम पाँच बजे इंडियन एक्सप्रेस अपार्टमेंट्स, मयूर कुंज, चिल्ला रेगुलेटर, दिल्ली 110096 के सभागार में आयोजित है।'

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