यूपी पुलिस ने हिंदू युवक के शव को मुस्लिम मान कब्रिस्तान में दफनाया

Update: 2019-06-30 14:06 GMT

जांच में यह पता चलने पर कि मृतक मुस्लिम नहीं हिंदू है, अंतिम संस्कार के लिए युवक के शव को कब्र से बाहर निकाल सौंपा गया परिजनों को....

जनज्वार। उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में पुलिस द्वारा गोकशी के आरोप में सतवीर को जहीर बताकर जेल भेजने और उसे जेल में निरुद्ध करने की घटना अभी मीडिया की सुर्खियों में ही थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस का एक और कारनामा सामने आ गया है, जो पुलिस द्वारा कर्तव्य में लापरवाही बरतने का जीता जागता प्रमाण है।

ह घटना उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की है, जहां हत्या के बाद मुस्लिम कब्रिस्तान में दफनाए गए एक 19 वर्षीय युवक की पहचान हिन्दू के तौर पर होने के बाद उसका शव कब्र से बाहर निकाला गया अंतिम संस्कार के लिए उसके परिजनों को सौंपा गया।

पुलिस के अनुसार 19 वर्षीय एक युवक की हत्या 17 जून को उसके तीन दोस्तों ने कर दी थी और उसका शव यमुना में फेंक दिया था। इसके एक दिन बाद युवक का शव बरामद हुआ था। इसके बाद गलती से उसकी पहचान मुस्लिम व्यक्ति के रूप में हो गई और उसे एक कब्रिस्तान में दफना दिया गया था।

गौरतलब है कि 25 जून को मृतक सागर के पिता किरणपाल ने पानीपत थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसी के बाद हुई पुलिसिया जांच में पता चला कि सागर की तीन दोस्तों ने शराब के नशे में हुए झगड़े के दौरान यमुना में डुबाकर उसकी हत्या कर दी थी।

पुलिस के अनुसार शामली जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर व्यक्ति की पहचान सागर के रूप में होने और हिन्दू पहचान स्थापित होने के बाद उसके शव को कब्र से बाहर निकाला गया। गौरतलब है कि मृतक युवक सागर की वास्तविक पहचान का खुलासा उसके अपराधी दोस्तों के पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद अपना जुर्म स्वीकार किए जाने के बाद हुआ।

जानकारी के मुताबिक मृतक युवक सागर हरियाणा के पानीपत का रहने वाला था और उसके घरवालों ने 17 जून को उसके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। अब पुलिस ने शव को परिवार को सौंप दिया है।

गौरतलब है कि सागर को मुस्लिम मानकर दफनाये जाने से पहले एक साल से सलाखों के पीछे जहीर बताकर कैद सतवीर का मामला 7 जून, 2019 को उस समय सामने आया जब उसको पेशी के लिए कोर्ट लाया गया।

गोकशी के आरोप में गिरफ्तार सतवीर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने जहीर बताकर पेश किया था। सतवीर की आपबीती सुनने के बाद वकील चौधरी कुलदीप सिंह ने मामले की जांच की।

स मामले में मुरादाबाद के थाना भोजपुर में 8 मई, 2018 को एक ट्रक में गौवंशीय पशु और उनका मांस बरामद हुआ, जिसके बाद बिना किसी गिरफ्तारी के दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। फिर वाहवाही लूटने के लिए भोजपुर पुलिस ने 29 जून, 2018 को गौहत्या और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत सतवीर नाम के दलित मजदूर युवक को जहीर के नाम से जेल की सलाखों के बीच पहुंचा दिया।

पुलिस के इस सनसनीखेज कारनामे का खुलासा 7 जून, 2019 को उस समय हुआ जब जेल से पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए सतवीर को अदालत में पेशी के दौरान ठाकुरद्वारा कोर्ट लाया गया। सतवीर ने अदालत में मौजूद वकील चौधरी कुलदीप सिंह को आवाज देकर अपने पास बुलाया और रोकर पुलिस के अत्याचार की कहानी बताई थी।

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