मध्य प्रदेश में 60 लाख फर्जी वोटर, चुनाव आयोग पहुंची कांग्रेस

Update: 2018-06-03 14:09 GMT

मध्य प्रदेश में 60 लाख फर्जी वोटर की बात मीडिया में आने के बाद चौतरफा हड़कंप मचा हुआ है...

कांग्रेस नेता और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई कांग्रेसी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि भाजपा ने दुबारा सत्ता में आने के लिए यह सारा गेम प्लान किया है, इसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और दोषियों को चिन्हित कर उनका नाम उजागर किया जाए।

गौरतलब है कि 30 मई, 2018 को मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा क्षेत्रों में 60 लाख फर्जी मतदाता जोड़े जाने के मामले का मीडिया में खुलासा हुआ था। फर्जी वोटर आईडी बनाए जाने की पुष्टि इस बात से होती है कि एक ही फोटो का इस्तेमाल अलग—अलग 36 नामों के साथ किया गया है।

अब इस मामले में भाजपा यह कहकर अपना बचाव करने लगी है कि चुनाव आयोग के किसी सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते ऐसा हुआ है, मगर कांग्रेस का कहना है कि अगला विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने जान—बूझकर यह साजिश रची है। इसीलिए 60 लाख फर्जी मतदाता सिर्फ इसी साल जोड़े गए हैं।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने अपने राज में प्रशासन को अपने इशारे पर नचाकर यह फर्जीवाड़ा किया है। कांग्रेस के मुताबिक पिछले विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश में 26 प्रतिशत नए मतदाता जुड़े थे, जो कि आमतौर पर 10 फीसदी के आसपास होती है। यानी पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भी लाखों फर्जी वोटर जुड़े हैं और इस बार भी पूर्वनियोजित तैयारियों और साजिशों के तहत लाखों फर्जी वोटर आईडी बनाकर बीजेपी सत्ता हथियाने में कामयाब होना चाहती है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जांच में सामने आया कि इंदौर विधानसभा 1 में 39 हजार से ज्यादा मतदाता ऐसे हैं, जिनमें नाम, उम्र, परिवार और जेंडर समान हैं। ऐसे ही इंदौर विधानसभा 5 में 33 हजार से भी ज्यादा फर्जी नाम सामने आए।

लगभग 3 महीने पहले मध्य प्रदेश के मुंगावली उपचुनाव में भी फर्जी वोटर कार्डों का मामला सामने आया था। कांग्रेस के दावे पर यकीन करें तो अभी भी यहां 19 हजार फर्जी वोटर हैं। भोपाल की नरेला विधानसभा सीट पर 10 हजार फर्जी वोटर होने का खुलासा किया गया है, वहीं रायसेन जिले की उदयपुरा सीट के लिए हुए चुनाव में 140 वोटर आईडी पर एक ही महिला का फोटो चस्पां किया गया था।

अप्रैल में भी मध्य प्रदेश में लाखों की संख्या में फर्जी वोटर कार्ड होने का मामला सामने आया था, मगर तब चुनाव आयोग ने सामने आकर अपनी गलती मान मामले को वहीं रफा दफा कर दिया था। मगर दोबारा लाखों फर्जी वोटर मामला सामने आने से मामले ने तूल पकड़ लिया है। हजारों की संख्या में तो ऐसे लोगों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल हैं जिनकी मौत हो चुकी है।

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