YES बैंक के मालिक का सोशल मीडिया पर उड़ रहा मजाक, लोग याद दिला रहे वो दिन

Update: 2020-03-06 04:22 GMT

नकदी संकट से गुजर रहे Yes Bank के एमडी से लोगों ने सोशल मीडिया पर पूछा कैसा लगा मोदी जी का यह मास्टर स्ट्रोक, करो इसका ​दिल से स्वागत....

जनज्वार। भारत का चौथा सबसे बड़ा प्राइवेट YES बैंक भारी नकदी के संकट से जूझ रहा है, जिसके कारण निकासी की सीमा तय करके उसने 50 हजार कर दी है। भारी नुकसान के कारण पिछले एक साल के दौरान YES बैंक के शेयर 80 प्रतिशत तक नीचे गिर चुके हैं।

ह वही YES बैंक है जिसके एमडी राणा कपूर ने एक समय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश में लागू की गयी नोटबंदी का दिल से स्वागत किया था। नोटबंदी को मास्टर स्ट्रोक बताते हुए कहा था कि मोदी ने मास्टर स्ट्रोक डिलीवर किया है, मैं इसका खुले दिल से स्वागत करता हूं, निश्चित ही यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को पहले पायदान पर पहुंचाने वाला होगा और इससे काले धन पर लगाम लगेगी।

संबंधित खबर : यस बैंक से नहीं निकाल पाएंगे 50 हजार से ज्यादा, RBI ने तय की सीमा, अपना प्रशासक किया तैनात

YES बैंक ​की तरफ से जारी की गयी एक रिलीज में राणा कपूर ने कहा था, मैं 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं। मोदी सरकार का यह डिसीजन बहुत बोल्ड और रिवोल्यूशनरी है, क्योंकि इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

YES बैंक के एमडी द्वारा नोटबंदी के स्वागत करने का ट्वीट अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग उनसे पूछ रहे हैं कि उन्हें अब यह मास्टर स्ट्रोक कैसा लगा। ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए गुफरान राय पूछते हैं, '#YesBank कैसा लगा मास्टर स्ट्रोक का असर।' तो कई अन्य लोग भी चुटकियां ले रहे हैं। कोई पूछ रहा है राणा कपूर नोटबंदी के समर्थन का फल भुगत रहे हो तो कोई कह रहा है कि मोदी देश को कंगाल करके छोड़ेंगे।

रिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा है, 'मोदी मोदी करते रहे, यस बैंक को डुबाते रहे ये हैं श्री राणा कपूर ..#YesBank के संस्थापक और डुबाबक ..#yesbankcrisis के लिए जिम्मेदार इस शख्स का तो कुछ नहीं बिगड़ेगा , खाता धारकों का चैन हराम ज़रूर होगा...'

सुमेध वाहने ने ट्वीट किया है, 'पूंजीपतियों का इतना कर्ज माफ करेंगे तो यही होना है। #YesBank की बरबादी में अनिल अंबानी, सुभाष चंद्रा और मोदी सरकार बराबरी की जिम्मेदार है। अंबानी और चंद्रा की कंपनियों को बेच के भी तो सरकार बैंक को बचा सकती थी, लेकिन उसके लिए इच्छा शक्ति होना जो मोदी में है नहीं।'

भूपत भाई नाम के ट्वीटर हैंडल ने लिखा है, नोटबंदी के टाईम 2019 का जीडीपी 9% बता रहे थे हकीकत मे जीडीपी 4.5 % हो गयी। इतनी समझ वाला था और ब्लेक मनी को समांतर इकोनोमी बता रहा था, निकला सिर्फ 0.02 काला धन। Rolling on the floor laughingRolling on the floor laughingRolling on the floor laughing...'

हालांकि सोशल मीडिया पर इन टिप्पणियों के अलावा प्रधानमंत्री मोदी और राणा कपूर के बचाव में भी तमाम तरह की टिप्पणियां आ रही हैं, जिनमें मोदी जी के हर फैसले को देशहित में बताया जा रहा है फिर चाहे लगातार बेच रही देश की संपत्तियों की ही बात क्यों न हो।

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक से निकासी की सीमा तय कर दी है। RBI के इस आदेश के बाद अब ग्राहक 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे। RBI के अनुसार फिलहाल यह रोक 5 मार्च से 3 अप्रैल तक लगी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग करते हुए उसपर प्रशासक नियुक्त कर दिया है। RBI ने बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया भी लगा दी हैं।

स बैंक में नकदी संकट की सूचना ग्राहकों में फैलते ही बैचेनी बढ़ गयी। यस बैंक के ग्राहक जल्द से जल्द अपना पैसा निकालने में जुट गए। कल गुरुवार 5 मार्च की देर रात यस बैंक के एटीएम में लोगों की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान यस बैंक की नेटबैंकिंग और एटीएम सेवा भी बंद हो गई। इससे यस बैंक के खाता धारकों को चिंता और बढ़ गई। राजस्थान के जयपुर और महाराष्ट्र के मुंबई समेत कई इलाकों में यस बैंक के एटीएम में पैसा निकालने वालों की भीड़ देखने को मिली आधी रात को लोग पैसा निकालने के लिए बैंक के एटीएम के बाहर कतार में लग गए। मुंबई के एटीएम तो रातोंरात खाली भी हो गये।

ग्राहकों में इस बात का डर बैठ गया है कि बैंक में जमा इनकी गाढ़ी कमाई डूब सकती है। मुंबई में एटीएम में भीड़ बढ़ने पर पुलिस ने अलर्ट भी जारी कर दिया था।

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