सूदखोर का कर्ज चुकाने के लिए किया बच्चे का अपहरण

Update: 2017-09-26 23:13 GMT

400 पुलिसकर्मियों की 70 घंटे की मेहनत के बाद बच्चा तो मिल गया है, लेकिन सूदखोरी के जाल में फंसा अपहरणकर्ता कर्जदार से बड़ा अपराधी भी बन गया है...

पुणे से रामदास तांबे की रिपोर्ट

पुणे में 70 घंटे के ऑपरेशन के बाद 60 लाख रुपयों की फिरौती के लिए जिस बच्चे का अपहरण किया गया था, वह अपने परिवार के पास सही सलामत पहुंच गया है। इस ऑपरेशन के लिए 400 पुलिसकर्मियों ने 800 किलोमीटर का सफर तय किया। पुलिस के आरोपियों तक पहुँचने से पहले ही डर के मारे बच्चे को छोड़ दिया गया। इस मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अभी पुलिस जांच में जुटी हुई है। 

गौरतलब है कि 7 साल के ओम संदीप खरात का अपहरण फिरौती के लिए किया गया था। संदीप अब अपने परिवार के साथ है, घर में खुशियों का माहौल है। मगर 70 घंटे तक अपहरणकर्ताओं के चंगुल में होने का डर ओम संदीप के चेहरे पर साफ—साफ देखा जा सकता है।

23 सितंबर को ओम का 60 लाख रुपयों की फिरौती के लिए अपहरण किया गया था। अपहरण के बाद उसकी खोज में तकरीबन चार सौ पुलिसकर्मी लगे थे। बच्चे की बरामदगी के लिए पुणे से लेकर अहमदनगर, लातूर तक पुलिस ने 800 किलोमीटर का सफर किया। आरोपियों के मोबाईल नंबर से लोकेशन ट्रेस की जा रही थी। इस मिशन को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था।

गौरतलब है कि इस मामले में मुख्य आरोपी अक्षय ओम के पिता के फैक्ट्री पर नौकरी करता था। उसने वहां से नौकरी छोड़कर एक साहूकार से कर्ज लेकर ड्राइविंग क्लास शुरू की, लेकिन नुकसान होने पर उसे बंद करना पड़ा। अक्षय कहता है कि साहूकार से लिया हुआ कर्ज वापस करने के लिए उसने ओम के अपहरण का प्लान बनाया था, लेकिन 70 घंटे में वह हवालात पहुंच गया।

कुछ घंटे में जब पुलिस अपहरणकर्ताओं की लोकेशन के अनुसार उन तक पहुंचने वाली थी, तो आरोपियों ने ओम को उसके पिता के फैक्ट्री के पास छोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 

ओम के पिता संदीप खरात का पुणे के पास चिंचवड़ में इलेक्ट्रॉनिक पार्ट बनाने की फैक्ट्री है। 7 वर्षीय ओम उनका एकलौता बेटा है। ओम का 23 सितंबर को उसके घर के सामने से अक्षय जामदरे और उसके दोस्त रोशन शिंदे ने इंडिका कार से अपहरण किया।

जब काफी देर तक ओम नहीं मिल तो उसके परिजनों ने पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की। इसी बीच ओम के पिता के मोबाईल पर अपहरणकर्ताओं ने फोन करके 60 लाख रुपयों की फिरौती मांगी। जिस नंबर से फिरौती के लिए फोन आया था, उसी से पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को ट्रेस किया।

ओम का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ तो आरोपी उसको लेकर अहमदनगर, लातूर तक चले गए। किसी को भी जरा सी भी भनक न लगते हुए पुलिस उनके ट्रैक पर थे। 800 किलोमीटर तक हर तरफ पुलिस ही पुलिस आरोपियों को दिख रही थी, जिससे डरकर मुख्य आरोपी अक्षय ओम को लेकर पुणे में उसके पिता के फैक्ट्री पर आया। वहां उसे छोड़ा। पुलिस के आने से पहले ही वह भाग गया, लेकिन पुलिस को जानकारी मिली की उसका दोस्त रोशन एक होटल पर है। वहां पुलिस ने पहुंचकर उसे गिरफ्तार किया और बाद में अक्षय को भी। 

(तस्वीर में बच्चा अपनी मां के साथ)

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